Investment For Minors: पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट हो या PPF, म्यूचुअल फंड जैसे कई ऐसे निवेश विकल्प हैं जहां बच्चों के नाम पर निवेश किया जा सकता है. कई लोग बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए निवेश करते हैं तो कई लोग उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए इन्वेस्टमेंट करते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि बच्चों का भी इनकम टैक्स (Income Tax) भरा जाता है? वहीं, अगर ये टैक्स नहीं भरते तो इन निवेश विकल्पों से हुई कमाई पर कैसे लगेगा टैक्स?
बच्चों के नाम पर किए गए निवेश पर हुई कमाई को माता-पिता की आय में गिना जाएगा. इनकम टैक्स सेक्शन 64(1A) के तहत अभिभावक को ही इसपर टैक्स देना होगा. 18 साल की उम्र ना होने तक बच्चे को माइनर माना जाता है. बच्चे के नाम पर सेविंग्स खाता हो, फिक्स्ड डिपॉजिट या कोई और निवेश, इनपर उन्हें आय होती है.
अगर माता-पिता दोनों कमाते हैं तो बच्चे की आय उस पेरेंट के साथ जोड़ी जाएगी जिसकी आय ज्यादा है. अगर पेरेंट्स का तलाक हो चुका है तो जिसके पास बच्चे की कस्टडी है उसकी आय में इसे जोड़ा जाएगा.
वहीं, मान लीजिए बच्चे ने अपनी प्रतिभा से कोई कंपीटीशन जीता है, कोई टीवी शो जीता है या किसी और तरीके से उनकी आय हुई है तो बच्चे का अलग से इनकम टैक्स भरना होगा. गौरतलब है कि आप माइनर्स का भी PAN कार्ड भी बनवा सकते हैं जो रिटर्न भरने के लिए जरूरी माना जाता है.
ध्यान दें कि इन निवेश विकल्पों पर मिलने वाली सेक्शन 80C का डिडक्शन भी पेरेंट्स क्लेम कर सकते हैं – जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, PPF, 5 साल के टर्म डिपॉजिट आदि पर मिलने वाली छूट. लेकिन, ये डेढ़ लाख रुपये की सीमा ही रहती है क्योंकि दोनों आय को क्लब किया जाता है. बाकी टैक्स नियम निवेश विकल्प के मुताबिक ही रहते हैं.
अगर बच्चे के नाम पर किए निवेश से हुई आय 1,500 रुपये से कम है तो उसे माता-पिता की आय के साथ नहीं जोड़ा जाता. वहीं, जब इस आय को माता-पिता के साथ जोड़ा जाता है तब अभिभावक हर बच्चे के नाम पर किए निवेश पर 1,500 रुपये का एक्जेंप्शन क्लेम कर सकते हैं.
वहीं, अगर बच्चा दिव्यांग है और उसे देखने, सुनने, चलने या कोई मानसिक रोग है जिसकी सूची इनकम टैक्स के सेक्शन 80U के तहत दी गई है तब भी उनकी आय को माता-पिता की आय में नहीं जोड़ा जाएगा.