ये जरूरी नहीं कि आप कितना कमाते हैं , जरूरी है कितना बचाते (Saving) हैं. ये आदत खासकर युवाओं को गांठ बांधकर रख लेनी चाहिए. हालांकि इसके लिए रॉकेट साइंस लगाने की जरूरत नहीं है बल्कि थोड़ा मैनेजमेंट करना होगा. ये इतना मुश्किल भी नहीं है. यहां हम कुछ तरीके बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाकर आप अपने गोल को पा सकते हैं.
ऐसा देखा जाता है कि जब जिम्मेदारी कम होती है तो युवा वर्ग बचत के बारे अधिक सोचते नहीं हैं. ऐसा करेंगे तो लक्ष्य पा नहीं सकेंगे. इसलिए इस उम्र में हर महीने की शुरुआत में ही एक लिस्ट बना लें. उसमें यह तय कर लें कि आपको कितना पैसा कहां और कब खर्च करना है. ऐसा करेंगे तो आप बेहतर तरीके से पैसा बचा (Saving) पाएंगे. यदि आपकी आमदनी अभी कम है तो उसे बढ़ाने की कोशिश करनी होगी. एक बजट तैयार करें उसके अनुसार ही चलें.
जानकार कहते हैं कि 20 साल की उम्र में ही निवेश करना शुरू कर देना चाहिए. अगले 10 सालों तक देखेंगे कि आप वित्तीय रूप से काफी मजबूत बन चुके होंगे. एक पोर्टफोलियो तैयार कर लें. इसके लिए किसी विशेषज्ञ से मदद ले सकते हैं.
अक्सर छोटी छोटी बचत भी एक दिन बड़ा अमाउंट बन जाती है. इसके लिए आप डाकघर या बैंक की शाखा से भी संपर्क कर सकते हैं. वहां एक रेकरिंग डिपॉजिट खाता खुलवा कर हर महीने एक निश्चित रकम जमा भी करवा सकते हैं. सीए सर्वेश वाजपेयी कहते हैं कि म्यूचुअल फंड के रास्ते शेयर बाजार में निवेश करें.
बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि अगर सुकून की जिंदगी जीनी हो तो कर्ज का बोझ कम से कम रखना चाहिए. खासकर महामारी के इस माहौल में तो यह और भी जरूरी हो जाता है. क्रेडिट कार्ड का प्रयोग बहुत जरूरी हो, तभी करना चाहिए.
कोरोना काल में अपनी बचत से हाथ नहीं धोना चाहते तो आज ही हेल्थ इंश्योरेंस करा लेना चाहिए. मुश्किल समय में परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए यह बहुत ही जरूरी कदम है.