पोस्ट ऑफिस (Post Office) की बचत योजनाएं आपके काफी काम की हैं. आज हम आपको पोस्ट ऑफिस (Post Office) की ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आप बच्चों का भी खाता खोल सकते हैं. इसमें आपको हर महीने एक निश्चित इनकम भी मिलेगी. इस योजना का नाम है पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम. पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS) एक सेविंग स्कीम है जिसमें निश्चित जमा पूंजी लगाने के बाद हर महीने एक फिक्स इनकम प्राप्त होती है. यह फिक्स इनकम जमा पूंजी पर तय ब्याज के हिसाब से मिलती है.
10 साल से ज्यादा उम्र के नाबालिग बच्चे भी पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं. भारत का कोई भी नागरिक पोस्ट ऑफिस में मंथली इनकम स्कीम शुरू करा सकता है. एक परिवार में अधिकतम 3 व्यस्क लोग यह खाता खुलवा सकते हैं. यहां तक कि 10 साल से ऊपर का कोई भी बच्चा अपने नाम से इस स्कीम का फायदा ले सकता है.
पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम का खाता शुरू करने के लिए कम से कम 1000 रुपये जमा करने होंगे. अगर सिंगल होल्डर अकाउंट है तो अधिकतम 4.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं. अगर यही खाता जॉइंट में खोला जाता है तो दो लोगों के साथ जमा की अधिकतम राशि 9 लाख रुपये हो सकती है. इसमें हर अकाउंट होल्डर का बराबर का निवेश होता है और उस पर मिलने वाली कमाई भी बराबर होगी.
इस खाते पर ब्याज अकाउंट खुलने की तारीख से तय होती है. महीने के पूरे होने पर खाते में जमा राशि का ब्याज जुड़ता है. यह सिलसिला खाते की मैच्योरिटी तक चलता है. चूंकि यह स्कीम मंथली है, इसलिए हर महीने ब्याज लेना होता है. अगर ब्याज की राशि खाते में छोड़ देंगे तो उसका कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि ब्याज पर अतिरिक्त कमाई नहीं जुड़ती. इतना ही नहीं, खाते की जो फिक्स्ड लिमिट है अगर उससे ज्यादा जमा करेंगे तो उसे रिफंड कर दिया जाएगा. अगर लिमिट से ज्यादा पैसे को नहीं लेते हैं तो उस पर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट की दर से ब्याज मिलेगा. जिस तारीख को खाता खोला गया होगा, उस दिन से रिफंड होने की तारीख तक का ब्याज मिलेगा.
अगर आप चाहें तो सेविंग खाते में ब्याज की दर को ऑटो डेबिट भी करा सकते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपको इलेक्ट्रॉनिक या ऑनलाइन माध्यम से पेमेंट मिले तो इसके लिए पोस्ट ऑफिस से संपर्क करना होगा. आपको यह भी पता कर लेना चाहिए कि जमा पर जो ब्याज मिल रहा है उस पर टैक्स का क्या नियम है. यानी कि ब्याज में हुई कमाई 80C के तहत टैक्स फ्री है या नहीं.
खाता खोलने के 5 साल बाद उसे बंद करा सकते हैं. इसके लिए आपको पासबुक के साथ एक आवेदन फॉर्म जमा करना होगा. अगर स्कीम के दौरान जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है तो खाता बंद कर दिया जाता है. जमाकर्ता के नॉमिनी या कानूनी वारिस को जमा राशि दे दी जाती है. खाता खोलते वक्त परिवार से किसी एक नाम को दर्ज करना होगा जो नॉमिनी के रूप में होगा. जमाकर्ता की मृत्यु होने पर नॉमिनी जमा राशि पर अपना हक जता सकता है. जिस तारीख को पैसा जमा कराया जाता है, उससे एक साल के भीतर पैसा नहीं निकाला जा सकता. अगर अकाउंट को 1 साल से 3 साल के भीतर बंद कराया जाता है तो मूलधन से 2 परसेंट की राशि काट ली जाएगी और बाकी पैसा लौटा दिया जाएगा. खाता अगर 3-5 साल के बीच बंद किया जाता है तो कटौती की मात्रा 1 परसेंट की होगी.