इक्विटी मार्केट में बुल रन अपने साथ कई समस्याएं भी लाता है. एक ओर यदि आपने पैसा निवेश कर रखा है, तो आप बहुत पैसा कमा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर एक रिस्क है कि आप अपने उत्साह में ओवरबोर्ड हो गए हैं और अपने पोर्टफोलियो में नई म्यूचुअल फंड स्कीम्स को जोड़ते रहे हैं.आपको अचानक लगता है कि आपके पोर्टफोलियो में बहुत सारी म्यूचुअल फंड स्कीम्स हैं, जिनमें से कुछ परफॉर्म नहीं कर रही हैं या दूसरी स्कीम की डुप्लीकेट हैं. बुल मार्केट में इक्विटी में निवेश के बारे में सोच-समझ कर चलना होगा. मार्केट में करेक्शन होने की स्थिति में बिना सोचे समझे किए निवेश से नुकसान हो सकता है. ऐसी स्थिति को संभालने और अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को दोबारा ऑर्गेनाइज करने के तरीके के बारे में हम आपको बता रहे हैं.
शुरुआत में अपने पोर्टफोलियो में सभी स्कीम की एक लिस्ट बनाएं. यदि आप म्यूचुअल फंड के कंसोलिडेटेड स्टेटमेंट पर एक नजर डालते हैं, तो आपको नाम और एलोकेशन मिलते हैं. यदि आप कई डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए निवेश कर रहे हैं तो यह जरूरी है. अपने पोर्टफोलियो में हर स्कीम के वेटेज का प्रतिशत पता लगाएं. स्कीम में छोटे एलोकेशन अक्सर ज्यादा आगे नहीं बढ़ाते हैं. ऐसी स्कीम को सबसे पहले डंप करना चाहिए.
यदि आपने एसेट एलोकेशन फॉर्मूला के साथ शुरुआत की है, तो पता करें कि आपका मौजूदा एसेट एलोकेशन अब क्या है. उदाहरण के लिए आपने शुरुआत में 80% पैसा लार्ज-कैप फंडों में और 20 प्रतिशत मिड-कैप फंडों में निवेश करने का निर्णय लिया. मार्केट को देखते हुए पिछले कुछ महीनों में आपने कुछ सेक्टर फंड और स्मॉल-कैप फंड जोड़े हैं जो अब आपके पोर्टफोलियो में अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं. तो ये समय है अपने एडवाइजर से सलाह लेने का ये जानने के लिए कि कौन सी स्कीम्स को हटाकर अपना एक्सपोजर कम करें.
ऐसे मौके भी आते हैं जब इन्वेस्टर ओवर डायवर्सीफाइड हो जाते हैं. हालांकि किसी को चुनिंदा लार्ज-कैप फंडों में 80% पैसा लगाना चाहिए, लेकिन कई बार सिर्फ इसलिए कि कुछ दूसरे लार्ज-कैप फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है, वो हमारे पोर्टफोलियो में लार्ज-कैप फंडों की मौजूदा लिस्ट में जुड़ जाते हैं. अगर आपके पोर्टफोलियो में बहुत ज्यादा लार्ज-कैप इक्विटी फंड हैं, तो इसमें कटौती की जा सकती है. ज्यादातर रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए एक इंडेक्स फंड और एक एक्टिवली मैनेज्ड लार्ज कैप फंड पर्याप्त हो सकता है.
कई बार निवेशक अच्छा परफॉर्म करने वाली स्कीम्स को खरीद लेते हैं. ये नहीं सोचते कि यह स्कीम क्यों अच्छा परफॉर्म कर रही है या इसमें क्या रिस्क शामिल हैं. इस तरह किए निवेश की समीक्षा की जानी चाहिए.
बड़ी संख्या में इंडिविजुअल स्कीम में स्मॉल एलोकेशन के बजाय, कुछ चुनिंदा स्कीम के लिए बड़ा एक्सपोजर होना बेहतर है. बहुत सारी स्कीम्स वाले पोर्टफोलियो को ट्रैक करना मुश्किल होता है और इसलिए कई बार हम अंडरपरफॉर्म करने वाली स्कीम्स को ट्रैक नहीं कर पाते हैं. इसलिए अपने पोर्टफोलियो को ओवरडायवर्सीफाई करने से बचें और लंबे समय तक अंडरपरफॉर्म करने वाली स्कीम को पोर्टफोलियो से हटाएं.