Bond Index Funds: ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने टारगेट मैच्योरिटी इंडेक्स स्कीम्स लॉन्च की हैं. यह दोनों इंडेक्स फंड्स हैं, इसलिए दोनों फंड अपने बैंचमार्क्ड इंडेक्स के मुताबिक पोर्टफोलियो बनाएंगे. ये मीडियम ड्यूरेशन टाइप के डेट फंड्स हैं, जिनका ज्यादातर निवेश 3-4 साल की मैच्योरिटी वाले बॉन्ड में किया जाता हैं. इन फंड को लॉन्च करने का इरादा समान अवधि की बैंक एफडी से अधिक रिटर्न कमाने का है. इसमें रिस्क बहुत कम है, लेकिन रिटर्न की गॉरन्टी नहीं होती है.
ICICI Pru MF की स्कीम में Nifty PSU Bond Plus SDL Bond Sep 2027 40:60 इंडेक्स को ट्रैक करेगी. ICICI Pru. के बैंचमार्क इंडेक्स में 40:60 रेश्यो में AAA रेटिंग वाले सरकारी बॉन्ड और स्टेट डेवलपमेंट लोन्स (SDLs) का है.
इस फंड के पोर्टफॉलियो में शामिल किए जाने वाले बॉन्ड 30 सितंबर, 2027 को समाप्त होने वाले छह महीने के दौरान मैच्योर हो जाएंगे. सूचकांक की हर तिमाही में समीक्षा की जाएगी और सूचकांक में प्रत्येक जारीकर्ता का भारांक 15 प्रतिशत पर सीमित किया जाएगा.
इश्यू की अवधि – 16 सितंबर से 27 सितंबर, 2021
केटेगरी – डेट-मीडियम ड्यूरेशन
टाइप – ओपन-एंडेड फंड
बैंचमार्क – Nifty PSU Bond Plus SDL Bond Sep 2027 40:60 इंडेक्स
न्यूनतम निवेश – 1,000 रूपये
एग्जिट लोड – 30 दिन के भीतर रिडेंप्शन करने पर 0.15%
ABSL Nifty SDL Plus PSU Bond Sep 2026 60:40 Index Fund
Aditya Birla MF की स्कीम Nifty SDL Plus PSU Bond Sep 2026 60:40 इंडेक्स को टैक करेगी. इस इंडेक्स का 60 फीसदी हिस्सा टॉप-10 राज्य और यूनियन टेरिटरी स्टेट डेवलपमेंट लोन (SDLs) का है और 40 फीसदी हिस्सा AAA रेटिंग वाले टॉप-10 PSU बॉन्ड का है.
इश्यू की अवधि – 15 सितंबर से 23 सितंबर, 2021
कैटेगरी – डेट-मीडियम ड्यूरेशन
टाइप – ओपन-एंडेड फंड
बेंचमार्क – Nifty SDL Plus PSU Bond Sep 2026 60:40 इंडेक्स
न्यूनतम निवेश – 500 रूपये
एग्जिट लोड – 30 दिन के भीतर रिडंप्शन करने पर 0.5%
विशेषज्ञ बताते है कि, रिटेल इंवेस्टर को ऐसे फंड्स से दूर रहना चाहिए. अपने पोर्टफॉलियो में ऐसे फंड शामिल करने से अच्छा हैं शॉर्ट-ड्यूरेशन वाले फंड्स शामिल करें. यदि आप 3 साल से ज्यादा अवधि के लिए निवेश करने को तैयार हैं तो अपने पोर्टफॉलियो में इक्विटी फंड्स शामिल करने चाहिए, जो अधिक रिटर्न कमाने में मदद करेंगे. डेट फंड के मुकाबले इक्विटी फंड्स में ज्यादा उतारचढाव रहेगा.
इन फंड में किए गए निवेश को 3 साल के बाद निकालने पर मुद्रास्फीति इंडेक्सेशन का लाभ प्रदान करने के बाद 20% लॉन्ग टर्म केपिटल गेइन टैक्स चुकाना होगा. यदि आप 3 साल के भीतर युनिट बेच देते हैं तो होने वाले गेइन को आपकी आय के साथ जोडा जाएगा और आपके टैक्स स्लेब के आधार पर टैक्स लागू होगा.