सरकारी बॉन्ड में कितना मिलता है रिटर्न, कितने प्रकार के होते है ये बॉन्ड

जो निवेशक अच्छे रिटर्न के साथ साथ अधिकतम सुरक्षा चाहते है उनके लिए सरकारी बॉन्ड बेस्ट विकल्प है. इनमें सोवरेन गॉरंटी मिलती है.

Want to invest in closed ended funds, know the advantage & disadvantage

क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करना पड़ता है, इसलिए कई निवेशक इससे दूर रहते हैं.

क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करना पड़ता है, इसलिए कई निवेशक इससे दूर रहते हैं.

Government Bond: सरकारी बॉन्ड में निवेश के कई कारण है, औऱ प्रमुख कारण सोवरेन गॉरंटी है. सरकारी बॉन्ड जितनी सुरक्षा दूसरे किसी फाइनेंशियल प्रोडक्ट में नहीं मिलती, यहां तक की बैंक एफडी को भी सुरक्षित नहीं माना जाता. सुरक्षा के अलावा, सरकारी बॉन्ड में बैंक FD के मुकाबले ज्यादा रिटर्न भी मिलता है. मिनिमम इंवेस्टमेंट के लिए 1,000 रूपए की सीमा है लेकिन मेक्सिमम इंवेस्टमेंट की कोई सीमा नहीं है. आप लंबी अवधि (10, 20 या 30 साल) के लिए इसमें निवेश कर सकते है.

सरकारी बॉन्ड क्या होते है

जब सरकार अपने खर्चों को पूरा करने के लिए एक बडी रकम जुटाना चाहती है, तो बॉन्ड नामक डेट इंस्ट्रूमेंट जारी करती है. इन्हें सरकारी सिक्योरिटिज या जी-सेक भी कहते है. आप ऐसा समज सकते है कि, यह एक तरह से सरकार और खरीदार के बीच का कोन्ट्राक्ट है, जिसके तहत सरकार निर्दिष्ट तिथि पर ब्याज के साथ मूलधन चुकाने के लिए जिम्मेदार है.

कौन खरीद सकता है सरकारी बॉन्ड

रिटेल और संस्थागत, दोनों निवेशक सरकारी बॉन्ड में निवेश कर सकते है. जब आप सरकारी बॉन्ड खरीदते हैं तो सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे एक सॉवरेन गारंटी के साथ आते हैं, जिससे वे सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक बन जाते हैं.

भारत में विभिन्न प्रकार के सरकारी बांड उपलब्ध हैं जैसे

RBI फ्लोटिंग-रेट सेविंग्स बॉन्ड

RBI के 7 साल की अवधि वाले फ्लॉटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड्स में 7.15% ब्याज मिलता है. इसमें कोई भी नागरिक निवेश कर सकता है और उम्र पर कोई बाध नहीं है. कम से कम 1,000 रूपए का निवेश जरूरी है और अधिकतम निवेश पर कोई सीमा नहीं है. ईस बॉन्ड का सबसे बडा फायदा है फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट, जिसे नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) के इंटरेस्ट रेट से 0.35% प्लस करके तय किया जाता है. NSC का इंटरेस्ट रेट 6.8% है, इस हिसाब से RBI के बॉन्ड का रेट 7.15% है, जो एफडी (5 से 7%), आरडी (5.8%) या केवीपी (6.9%) जैसी स्कीम के मुकाबले ज्यादा है.

डेटेड गवर्मेंट सिक्योरिटीज

Dated Government Securities यानि दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियां लंबी अवधि के बॉन्ड हैं जिनकी समयावधि 5-40 साल के बीच होती है. उन पर ब्याज दर या तो फिक्स्ड या फ्लोटिंग हो सकती है. वे फिक्स्ड-रेट बॉन्ड, फ्लोटिंग-रेट बॉन्ड, इन्फ्लेशन-इंडेक्स्ड बॉन्ड्स, कैपिटल इंडीड बॉन्ड आदि सहित कई प्रकार के होते हैं. अधिकांश रिटेल इंवेस्टर इस प्रकार के बॉन्ड से ही सरकारी बॉन्ड खरीदते हैं.

ट्रेजरी बिल्स या जीरो-कूपन बॉन्ड

ऐसे बॉन्ड में कोई ब्याज नहीं मिलता है. यह बॉन्ड डिस्काउंट रेट में जारी होते है, लेकिन उनका रीडिम फेस वेल्यू से होता है. यानि, कोई ट्रेजरी 90 रूपए खरीद सकते है और बेचते वक्त आपको 100 रूपए चुकाए जा सकते है. आमतौर पर एक साल से भी छोटी अवधि के लिए ऐसे बॉन्ड जारी किए जाते है.

केश मेनेजमेंट बिल

सरकार की शोर्ट-टर्म लिक्विडिटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रिज़र्व बैंक ओफ इंडिया (RBI) द्वारा इसे जारी किया जाता है. इनकी अवधि बहुत ही कम केवल 3 महीने तक की होती है.

स्टेट डेवलपमेंट लोन (SDL)

यह बॉन्ड राज्यों की सरकार द्वारा जारी किए जाते है, इसलिए इन्हें स्टेट डेवलपमेंट बॉन्ड (SDL) कहते है. किसी भी राज्य की सरकार उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इन्हें जारी करती है.

Published - July 18, 2021, 09:28 IST