FUND of FUNDS: आपके पास सीमित पूंजी है और आप म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने जा रहे है तो फंड ओफ फंड्स स्कीम्स आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है, क्योंकि इससे आपको पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइ रखने में आसानी होगी. फंड ओफ फंड्स (FoF) क्या होते है और इसके फायदे एवं नुकसान क्या है यह जानते है. एक्सपर्ट के मुताबिक, यदि पांच साल के अंदर रीडिम करना चाहते है तो ऐसे फंड में निवेश करने से दूर रहें.
यह ऐसा फंड होता है जिसके भीतर कई म्यूचुअल फंड होते है. एक म्युचुअल फंड अपने एकत्रित धन को किसी अन्य म्यूचुअल फंड (एक या अधिक) में निवेश करता है, इसे फंड ऑफ फंड कहा जाता है. वैसे निवेशक भी अलग-अलग फंड में निवेश कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सभी फंड पर अलग से नजर रखनी पडती है, वहीं फंड ऑफ फंड्स के द्वारा यह प्रक्रिया और अधिक सरल हो जाती है क्योंकि निवेशकों को केवल एक फंड को ट्रैक करने की आवश्यकता होती है.
एसेट अलोकेशन फंड ओफ फंड्सः इस प्रकार के फंड ऑफ फंड कई तरह के एसेट क्लास जैसे कमोडिटी और मेटल से लेकर क्लासिक इक्विटी-ओरिएंटेड और डेट-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम में में निवेश करते हैं.
इस प्रकार के फंड के जरिए कई तरह के फंड में निवेश किया जाता है और ऐसे निवेश का एक एकल निवेश पोर्टफोलियो बनाया जाता है.
ये मुख्य रूप से वैश्विक कंपनियों के शेयर या बॉन्ड शामिल हो ऐसी आंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करते है.
इस प्रकार के फंड्स भौतिक सोने के साथ ही सोने की खनन कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं.
36 महीने बाद युनिट बेचने पर 20% लोंग-टर्म केपिटल गेइन (LTCG) टैक्स लगता है और 36 महीने में केपिटल गेइन होने पर टैक्स स्लेब के अनुसार STCG टैक्स लागू होता है. डिविडंड से होने वाली आय को निवेशक की इनकम में जोडा जाता है और स्लेब के अनुसार टैक्स चुकाना पडता है. यदि साल में 5,000 रूपए से अधिक डिविडंड मिलता है तो 10% टीडीएस काटा जाता है.
अन्य म्यूचुअल फंड योजनाओं के विपरीत, इस प्रकार की योजनाओं पर अत्यधिक लागत लगाई जाती है. प्रशासनिक और सामान्य प्रबंधन शुल्क के अलावा, इनमें एक अतिरिक्त खर्च होता है.
अपनी जोखिम लेने की क्षमता और कितनी राशि निवेश करनी है यह तय करने के बाद निवेश शुरु करें. अनुभवी फंड मेनेजर को ही चुने. ये स्कीम्स मल्टिपल फंड्स में निवेश करती है, और ये फंड्स भी कई सिक्योरिटीज में निवेश करते है, इसलिए आपके निवेश का या तो ओवरलेपिंग हो सकता है या ओवर-डाइवर्सिफिकेशन. ऐसे में गोल्ड FoF को बेहतर और ज्यादा सुरक्षित विकल्प माना जाता है, क्योंकि मार्केट के मुकाबले गोल्ड के भाव में तीव्र उतार-चढाव नहीं आते.