आयकर कानून के तहत वैध रूप से टैक्स बचाने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं. इनमें से एक है हिंदू अविभाजित परिवार (Hindu Undivided Family – HUF) को मिलने वाली राहत. HUF हिंदू लॉ द्वारा प्रशासित है और कोई भी शादीशुदा जोड़ा या संयुक्त परिवार के सदस्य इसे स्थापित कर सकते हैं. हालांकि, सिख, जैन और बौद्ध भी इसे बना सकते हैं. परिवार का वरिष्ठ सदस्य ‘कर्ता’ कहलाता है.
HUF पर आम व्यक्ति की तरह ही इनकम टैक्स लागू होता है. हालांकि, इन्हें अधिकतम 2.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है. साथ ही, Section 80C (ELSS, FD, जीवन बीमा, किंतु PPF और ट्यूशन फीस नहीं), 80D, 80G के तहत राहतें भी मिलती हैं. इसके अलावा, Sections 54 और 54F के अंतर्गत कैपिटल गेंस से जुड़ी छूट भी प्राप्त होती है.
– परिवार का प्रत्येक सदस्य सामूहिक फंड में अपना योगदान दे सकता है.
– HUF खाते पर पूरा अधिकार कर्ता का होता है, किंतु बाकी सदस्य अपना योगदान देते हैं.
– इस फंड को तभी विभाजित किया जा सकता है जब परिवार के सभी सदस्यों की सहमति हो.
– घोषणापत्र, जिसमें सभी व्यक्ति के हस्ताक्षर के साथ ‘कर्ता’ का नाम बताया जाए
– कर्ता का निवास प्रमाणपत्र
– कर्ता का पहचान प्रमाणपत्र
– बैंक द्वारा मांगे गए कोई अन्य कागजात
HUF को एकल करदाता से अलग देखा जाता है. आईटी एक्ट के section 80C के तहत इन्हें छूट और कटौतियों का लाभ मिलता है.
50 हजार रुपए तक के गिफ्ट पर इन्हें कर छूट मिलता है. हालांकि, पिता को यह बताना होता है कि यह गिफ्ट बेटे के HUF के लिए है. यह लाभ sections 64(2) और 56(2) के तहत मिलता है. परिवार के फंड का इस्तेमाल कर-छूट वाले मुद्रा बाजार की प्रतिभूतियों में किया जा सकता है.
– HUF खाता पर किराए की आमदनी प्राप्त की जा सकती है.
– परिवारिक व्यवसाय से प्राप्त आमदनी पर टैक्स लगता है और कर-बचत की योजनाओं के तहत छूट प्राप्त होती हैं.
– यदि HUF के व्यवसाय, पूंजी और निवेश में बढ़ोतरी हो रही है, तो इसे किसी सदस्य के नाम पर दर्शाया जा सकता है.
– HUF से जोड़ी गई संपत्ति सभी की संपत्ति मानी जाती है.