अक्षय तृतीया, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारो पर या कोइ भी शुभ दिन पर लोग ज्यादातर फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते है. लेकिन फिजिकल रुप में सोने को रखने से उसको स्टोर करना पडता है. ज्वेलरी बनाने में मेकिंग चार्जिस लगते हैं. सोने में मिलावट का भी खतरा रहता है तो सोने में निवेश के कइ और तरीके भी है जिसको हम अपना सकते हैं. जैसे गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF), गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual funds) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB).
गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF)
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) एक पैसिव इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है जिसका उद्देश्य घरेलू सोने की कीमत को ट्रैक करना है. एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर है और इसकी प्योरिटी 99.5 फीसदी होती है. Gold ETF फिजिकल गोल्ड या गोल्ड माइनिंग/रिफाइनिंग वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. गोल्ड इटीएफ लिक्विडिटी बनाये रखने के लिए अपना कुछ हिस्सा यानी 0-10 प्रतिशत डेट सिक्युरिटीज में इंवेस्ट करते हैं.
गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट खाता (Demat Account) होना चाहिए. अगर आप कीमती धातु में निवेश करने के लिए कॉस्ट इफेक्टिव विकल्प तलाश रहे हैं तो गोल्ड ईटीएफ को सही विकल्प माना जाता है. ईटीएफ को एक्सचेंज पर सक्रिय रूप से खरीदा-बेचा जाता है. कीमतें अक्सर ट्रेडिंग एक्टिविटी पर निर्भर करती हैं. इस तरह गोल्ड ईटीएफ की कीमतें सोने से अलग होती हैं. गोल्ड इटीएफ में एक्सपेंस रेशियो करीब 0.5% से 1% होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual fund)
गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual fund) फंड ऑफ फंड स्ट्रक्चर पर काम करता है जो मुख्य रूप से गोल्ड ईटीएफ में अंडरलाइन एसेट के रूप में निवेश करता है. आप सीधे ऑनलाइन मोड या डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. गोल्ड म्यूचुअल फंड निवेशकों को एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करने की अनुमति देते हैं, लेकिन यह सुविधा गोल्ड ईटीएफ के साथ उपलब्ध नहीं है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड में आप किस्तों में सोना खरीद सकते और इसका मूल्य NAV में प्रदर्शित होता है. इसमें 500 रुपए से शुरुआत कर सकते हैं. अगर आप कम पैसे में सोने में नियमित निवेश करने की तलाश कर रहे हैं तो एक गोल्ड फंड एक बेहतर और अच्छा विकल्प है, इसके अलावा एक्जिट लोड की बात करें तो एक साल के अंदर पैसा निकालने पर 1% से 2% एक्जिट लोड लग सकता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)
इन बॉन्ड्स को आरबीआइ इश्यू करता है और ये काफी सिक्योर भी है इतना ही नहीं इस पर वार्षिक 2.5% ब्याज भी मिलता है. इटीएफ की तरह इसमें भी मिनिमम इंवेस्टमेंट 1 ग्राम का करना होगा. यदि बच्चों की उच्च शिक्षा शादी-विवाद के खर्च के लिए निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड बॉन्ड लंबी अवधि में बेहतर विकल्प है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमतें 24 कैरेट सोने की मौजूदा बाजार कीमतों से सीधे जुड़ी होती हैं. लेकिन, ज्यादातर एसजीबी अमूमन सोने की असली कीमतों से कम पर ट्रेड करते हैं. लो लिक्विडिटी इसका बड़ा कारण है. वैसे तो एसजीबी भी एक्सचेंजों पर ट्रेड करते हैं. खरीदार 8-12 फीसदी तक के डिस्काउंट पर गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं. गोल्ड बॉन्ड के साथ एक और फायदा यह है कि बॉन्ड पर कैपिटल गेंस पर पूरी तरह से टैक्स छूट है. शर्त यह है कि इन्हें आठ साल के लिए रखा जाए. इसको कोलेटरल रख कर आप लोन भी ले सकते हैं.