Fixed Income: अगर आपको लगता है कि बैंक FD और PPF में पैसे डालिए और भूल जाइए क्योंकि इसमें तो नुकसान का सवाल ही नहीं उठता – तो आप गलत हैं.
ये Fixed Income पाने का अच्छा जरिया जरूर हैं, लेकिन बढ़िया रिटर्न दिलाने में ये कमजोर साबित होते हैं.
SRE Wealth के कीर्तन ए शाह बताते हैं कि लोगों को लगता है कि जो पैसा इनवेस्ट किया अगर वो पूरा वापस मिल रहा है तो वो निवेश अच्छा है.
निवेशक बस डिफॉल्ट रिस्क से बचने के बारे में सोचते हैं. लेकिन FD और PPF जैसे Fixed Income निवेश में दो रिस्क और होते हैं- इंटरेस्ट रेट रिस्क और लिक्विडिटी रिस्क.
इंटरेस्ट रिस्क मतलब कि ब्याज स्थिर मिलता रहे ये जरूरी नहीं, वहीं इनसे मैच्योरिटी के पहले पैसे निकालने का मतलब है पेनाल्टी का खामियाजा.
कैसे करें निवेश?
आप जब Fixed Income में पैसा डालते हैं तो आप अपने पैसे को निर्धारित समय के लिए लॉक करते हैं.
अगर आप 5 % के ब्याज पर 3 साल की FD करते हैं तो तीन साल में अगर ब्याज बढ़ भी जाए तो आपको वही इंटरेस्ट मिलता रहता है.
FD जैसे निवेश में आपके रिटर्न पर महंगाई की मार भी पड़ती है और टैक्स भी लगता है. हर निवेशक को अपने रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार अलग-अलग अनुपात में एसेट का चयन करना चाहिए.
पोर्टफोलियो में केवल एक ही तरह के एसेट मत रखिए. कीर्तन ए शाह सुझाव देते हैं कि अगर मूलधन को लेकर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते तो आप कंजर्वेटिव इंवेस्टर हैं और आप अपने पोर्टफोलियो में 80 परसेंट डेट इनवेस्टमेंट जैसे कि पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम और PPF में रखिए लेकिन 20 फीसदी निवेश इक्विटी म्यूचुअल फंड में रखिए.
वहीं, अगर इससे उलट एग्रेसिव इंवेस्टर हैं तो 80 परसेंट इक्विटी में निवेश कर सकते हैं, लेकिन 20 परसेंट डेट में निवेश कीजिए. इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में सब तरह के निवेश होने चाहिए बस किस अनुपात में करें वो बदल सकता है.
SRE Wealth के कीर्तन ए शाह से पूरी बातचीत इस वीडियो में देखेंः