Financial Planning Tips: इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो वित्तीय संकट से बचे रहेंगे आप

जिन लोगों ने Home Loan लिया हुआ है या कोई बड़ा Personal Loan लिया है, उन्हें लोन राशि और लोन की अवधि के बराबर टर्म कवर लेना चाहिए.

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मेडिकल इमरजेंसी होने पर आपके विकेट धड़ाधड़ ना गिरते जाएं, इसके लिए बी जरूरी है कि आपने अपने पोर्टफोलियो में ऐसा प्लेयर चुना हो जो टिका रहे

मेडिकल इमरजेंसी होने पर आपके विकेट धड़ाधड़ ना गिरते जाएं, इसके लिए बी जरूरी है कि आपने अपने पोर्टफोलियो में ऐसा प्लेयर चुना हो जो टिका रहे

Financial Planning: महामारी के इस दौर में बहुत से लोगों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा है. इस दौरान कई लोगों की जॉब छूट गई, तो कईयों को कटी हुई सैलरी मिली। ऐसे में एक तरफ आमदनी कम थी, तो दूसरी तरफ बढ़ा हुआ स्वास्थ्य खर्च. जीवन में कई बार इस तरह की परिस्थितियां आती हैं, जिनसे व्यक्ति वित्तीय संकट में फंस जाता है. लेकिन अगर हम कुछ बातों पर अमल करें, तो हम कभी वित्तीय संकट में नहीं फसंगे. आइए जानते हैं कि ये क्या हैं.

स्वास्थ्य खर्च के लिए अलग से करें सेविंग

भले ही आपके पास मेडिकल इंश्योरेंस क्यों ना हो, उसके बावजूद आपको मेडिकल इमरजेंसी के लिए कुछ बचत जरूर करनी चाहिए. मेडिकल इमरजेंसी के दौरान कई खर्च ऐसे होते है, जिनका क्लेम बीमा कंपनियां स्वीकार नहीं करतीं. इमरजेंसी के समय बहुत बार हमें अपनी जेब से चिकित्सा बिलों का खर्च वहन करना पड़ जाता है. आपके द्वारा की गई सेविंग ऐसे समय में काम आती है.

लिक्विड एसेट्स में भी रखें कुछ पैसा

अगर हम अपनी सारी बचत अचल संपत्ति जैसे रियल एस्टेट, बीमा पॉलिसियों आदि में रखेंगे, तो इमरजेंसी के समय हमें नकदी की किल्लत हो सकती है. इसलिए आपके निवेश का एक हिस्सा लिक्विड एसेट्स में भी होना चाहिए. इमरजेंसी में नकदी की आवश्यकता पड़ने पर आप इस निवेश को तत्काल नकदी में भुना सकते हैं.

अपडेट कर लें नॉमिनी का नाम

कोविड-19 महामारी के दौरान हमने लोगों की अकाल मृत्यु देखी है. ऐसे में अगर व्यक्ति ने नॉमिनी अपडेट नहीं किया है और वसीयत नहीं लिखी है, तो उसके परिवार को उसकी संपत्ति और बीमा पॉलिसियों तक पहुंच बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है. इसलिए नॉमिनी के नाम अपडेट करना और वसीयत तैयार करना काफी महत्वपूर्ण है.

सीमित रहे उधार

कोरोना वायरस महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोग अपनी EMI भरने में जूझते दिखे हैं. जिन लोगों ने अपनी पुर्नभुगतान क्षमता से अधिक लोन लिया, उनकी स्थिति और भी खराब हो गई. ग्राहक को लोन हमेशा अपनी मौजूदा आय, खर्च और सरप्लस के आधार पर लेना चाहिए. एक्सपर्ट बताते हैं कि EMI की राशि व्यक्ति की वर्तमान आय के 50% से अधिक नहीं होनी चाहिए.

बड़े लोन्स के साथ अलग से लें टर्म प्लान

जिन लोगों ने होम लोन (Home Loan) लिया हुआ है या कोई बड़ा पर्सनल लोन (Personal Loan) लिया है, उन्हें लोन राशि और लोन की अवधि के बराबर टर्म कवर लेना चाहिए. इससे व्यक्ति की अकाल मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार पर बोझ नहीं पड़ेगा.

Published - July 22, 2021, 04:02 IST