Financial Planning: फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय कई पॉइंट्स ध्यान में रखना जरूरी है. जानकारों का कहना है कि आपको सबसे पहले अपनी फाइनेंशियल हेल्थ का पता होना चाहिए. इसमें आय–खर्च रेशियो, बजट, परिवार की बेसिक जरूरतें आदि जानकारियां आती हैं. इनके आधार पर ही सही आप एक सही फाइनेंशियल प्लानिंग कर सकते हैं. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ पॉइंट्स के बारे में बताने जा रहे हैंः
सर्टिफाइड फाईनेंशियल प्लानर विशाल शाह कहते हैं, “आपका मूड कैसा भी हो उसके आधार पर निर्णय न लें. अपनी रिस्क–कैपेसिटी पता करें और फिर निवेश करें.”
इस रूल को याद रखें. मान लीजिए कि आपकी कुल आय 10,000 रुपये है तो उसका 50% (5,000 रुपये) अपनी आवश्यकताओं के लिए रखें, 30% (3,000 रुपये) इच्छाएं, लग्जरी और जीवनशैली के खर्चों के लिए रखें और 20% (2,000 रुपये) बचत और निवेश पर लगाएं.
मान लिजिए, आप हर महीने 10,000 रुपये निवेश करते हैं और उस पर 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है तो 10 साल बाद आपको निवेश पर 11.23 लाख, 15 साल बाद 32.45 लाख और 20 साल बाद 75.91 लाख रुपये मिलेंगे. यानी जितना लंबा समय देंगे उतना ज्यादा फायदा मिलेगा और यही है पावर ऑफ कंपाउडिंग.
नौकरी चली जाए, बिजनेस बंद हो जाए या आपको अस्पताल में भर्ती होना पडे तो ऐसे वक्त इमरजेंसी फंड ही आपके काम आता है. 6-12 महीनों की बेसिक जरूरतों को पूरा कर सके इतना इमरजेंसी फंड तो होना ही चाहिए.
क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग करने से आपके ऊपर एक अच्छा खासा कर्ज चढ़ सकता है क्योंकि क्रेडिट कार्ड कंपनियां कुल बकाया राशि पर भारी जुर्माना और ब्याज चार्ज करती हैं. हो सके तो अपनी कुल उपलब्ध क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा काम मे नहीं लेने की कोशिश करें.
टैक्स भुगतान में आपकी कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा जा सकता है. इसीलिए आपको इनकम टैक्स एक्ट द्वारा दिए जाने वाले बहुत से टैक्स लाभ का पूरा उपयोग करना ही चाहिए.
रिटायरमेंट के लिए जितनी जल्दी बचत शुरू करें उतना अच्छा है. अगर आप PPF, NPS और पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम जैसी सरकारी योजनाओं के जरिए रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स करते हैं तो आपको 1,50,000 रुपये तक का कर लाभ मिलता है.
आपका परिवार आर्थिक रूप से स्थिर रहे उसके लिए जीवन बीमा और आरोग्य बीमा लेना बहुत जरूरी है. आपके असामयिक निधन की स्थिति में लाइफ इंश्योरेंस योजनाएं आपके परिवार के बहुत काम में आती हैं, यह आपके परिवार को इनकम का स्रोत प्रदान करती ही हैं.
यदि आपको किसी कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़े या गंभीर बीमारी के कारण घर पर बैठना पड़े तो ऐसे वक्त में हेल्थ पॉलिसी आपको और परिवार को फाइनेंशियल सुरक्षा कवच देगी.
लोन और दूसरे कर्ज बहुत ज्यादा ब्याज दर वाले होते हैं, यह बहुत ही जल्दी और तेजी से आपकी इनकम और सेविंग्स पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए इनसे जितनी जल्दी हो सके छुटकारा पाएं.