फाइनेंशियल आजादी (financial independence) की परिभाषा हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है. लेकिन किसी भी व्यक्ति को जो चीज अलग करती है वह है समर्पण और अनुशासन, जो वे अपने लक्ष्य को पाने के लिए लगाते हैं. हालांकि सेविंग और इन्वेस्टमेंट करके फाइनेंशियल आजादी (financial independence) प्राप्त की जा सकती है. इसके लिए जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट्स की मदद लेने से कभी ना हिचकिचाएं. वहीं यदि सही मार्गदर्शन के साथ प्लानिंग की जाए तो इसे आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.
वाकई में फाइनेंशियल आजादी का मतलब दूसरों से मदद लिए बिना अपनी और अपने आश्रितों की जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए सेविंग और इन्वेस्टमेंट के जरिए पर्याप्त कमाई करना है.
सेविंग और इन्वेस्टमेंट करके आपको फाइनेंशियल आजादी पाने में मदद मिलेगी लेकिन ऐसे भी उदाहरण देखने को मिल सकते हैं जब किसी व्यक्ति को उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ा हो. उधार लेते समय आपको सोच समझ कर निर्णय लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रीपेमेंट शेड्यूल में किसी प्रकार की कोई रुकावट ना आए. इससे आपको कर्ज के जाल में फंसने से बचने में मदद मिलेगी. इसी के साथ यह अच्छे क्रेडिट स्कोर को बनाए रखने और भविष्य में उधार लेने की लागत को कम करने में भी मदद करेगा.
एक व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका फाइनेंशियल लक्ष्य अच्छे फंड वाला हो. यह तब ही संभव हो सकता है जब हर फाइनेंशियल लक्ष्य के लिए आपके पास पर्याप्त राशि हो. यह लक्ष्य आपके बच्चों की एजुकेशन, शादी या फिर आपके रिटायरमेंट के साल भी हो सकते हैं.
किसी भी व्यक्ति को साल में एक बार कम से कम अपने एसेट एलोकेशन की समीक्षा भी करना चाहिए. जिसका उद्देश्य आपके एलोकेशन को रीबैंलेस करके अपने प्लान में वापस लाना होना चाहिए. रीबैलेंसिंग से आपको गैर-भावनात्मक तरीके से प्रॉफिट बुक करने और एसेट एलोकेशन के अनुरूप इन्वेस्ट करने में मदद मिलेगी.