सेक्शन 87A: टैक्सेबल इनकम के बावजूद फाइल कर सकते हैं जीरो रिटर्न

Section 87A of Income: सैलरी बढ़ने से आपकी इनकम टैक्स के दायरे में आ गई है, तो आप आयकर कानून की धारा 87A का फायदा लेकर टैक्स चुकाने से बच सकते हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 21, 2021, 07:33 IST
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image: Pixabay, आयकर कानून के मुताबिक, साल में 2.5 लाख तक की आय हो तो कोई टैक्स नहीं चुकाना होता, लेकिन 2.5 लाख से 5 लाख की आय हो तो, 5% (12,500 रूपये) टैक्स चुकाना होता है.

image: Pixabay, आयकर कानून के मुताबिक, साल में 2.5 लाख तक की आय हो तो कोई टैक्स नहीं चुकाना होता, लेकिन 2.5 लाख से 5 लाख की आय हो तो, 5% (12,500 रूपये) टैक्स चुकाना होता है.

Section 87A of Income Tax Act: 25 वर्ष के नरेन्द्र मदावत की सैलरी अप्रैल महीने से बढ़ाई गई है, जिसके कारण उनकी सालाना इनकम टैक्स के दायरे में आ गई है. वैसे तो नरेन्द्र 80C के तहत निवेश करके 5% टैक्स बचा सकते हैं, लेकिन इसके अलावा भी एक विकल्प है जो टैक्स बचाने में मदद कर सकता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत नरेन्द्र मदावत जैसे कई टैक्स-पेयर टैक्स रिबेट क्लेम कर सकते हैं और टैक्सेबल इनकम के बावजूद जीरो रिटर्न फाइल कर सकते हैं.

धारा 87A क्या है

आईटीआर फाइल करते समय धारा 87A के तहत छूट लेना एक महत्वपूर्ण आईटी प्रावधान है. यह व्यक्तिगत करदाताओं को अपनी कर देयता या कर योग्य आय को कम करने में मदद करता है.

एक वित्त वर्ष में यदि आपकी कुल आय 5,00,000 रुपये से अधिक नहीं है तो आप धारा 87A के तहत इस कर छूट का दावा कर सकते हैं और NIL रिटर्न फाइल कर सकते है.

आयकर कानून क्या कहता है

आयकर कानून के मुताबिक, साल में 2.5 लाख तक की आय हो तो कोई टैक्स नहीं चुकाना होता, लेकिन 2.5 लाख से 5 लाख की आय हो तो, 5% (12,500 रूपये) टैक्स चुकाना होता है.

ऐसे में आप सेक्शन 87A का उपयोग करके इनकम टैक्स रिबेट क्लेम करने के बाद आपकी टैक्स लाइबिलिटी NIL यानी शून्य कर सकते है. लेकिन आय 5 लाख से अधिक है तो इस धारा के तहत आप टैक्स रिबेट नहीं मांग सकते.

आय की गणना

टैक्सेबल इनकम की गणना करने के लिए आपको चैप्टर VIA की विभिन्न धारा के तहत मिलते लाभ को गीनती में लेना होगा.

चैप्टर VIA में सेक्शन 80C (EPF, PPF, ELSS, ट्यूशन फीस, होम लोन रिपेमेंट वगैरह), 80CCD (NPS), 80D (हेल्थ इंश्योरेंस), 80G (डोनेशन) और 80TTA & 80TTB (बैंक इंटरेस्ट) को शामिल किया गया है.

मान लीजिए, आपकी सालाना इनकम 6 लाख रुपये है और आप 80C के तहत 1.5 लाख का क्लेम करते हैं, तो अब आपकी टैक्सेबल इनकम 4.5 लाख रुपये होती है, इसमें से 2.5 लाख रुपये का बेसिक एक्जेंप्शन निकाल दें, तो आपको 2 लाख रुपये से अधिक 5% (10,000 रुपये) कर चुकाना होगा.

ऐसे में आप धारा 87A के तहत टैक्स रिबेट क्लेम करके 10,000 रुपये का टैक्स बचा सकते हैं.

कौन कर सकता है दावा?

जो व्यक्ति भारतीय निवासी हैं, वे धारा 87A के तहत छूट का दावा कर सकते हैं. वरिष्ठ नागरिक (60 से 80 वर्ष) भी इस छूट का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन 80 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक इस छूट का दावा नहीं कर सकते.

Published - August 21, 2021, 07:32 IST