EPF vs PPF vs VPF: जानिए इन स्कीमों में क्या है फर्क, कहां मिलेगा आपको ज्यादा फायदा

EPF रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO ​​या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा पेश किया जाता है, जबकि PPF बैंकों और डाकघरों द्वारा पेश किया जाता है.

EPF vs PPF vs VPF: Know what is the difference between schemes

PPF अकाउंट खुलने पर आपको इसमें हर साल कम से कम 500 रुपए डालने ही होंगे.

PPF अकाउंट खुलने पर आपको इसमें हर साल कम से कम 500 रुपए डालने ही होंगे.

EPF vs PPF vs VPF: किसी भी व्यक्ति को अपनी नौकरी के शुरुआती दिनों में ही रिटायरमेंट के लिए सेविंग शुरू कर देनी चाहिए. हम इससे रिटायरमेंट के समय तक एक बड़ी राशि जुटाने में मदद मिलती है. रिटायरमेंट फंड से जुड़ी सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) जैसी योजनाएं प्रमुख हैं. अगर आप निवेश के साथ-साथ टैक्स भी बचाना चाहते हैं, तो प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ (PF) एक बहुत बढ़िया माध्यम है.

सरकार द्वारा समय-समय पर इसकी ब्याज दरें तय की जाती है. EPF रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO ​​या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा पेश किया जाता है, जबकि PPF बैंकों और डाकघरों द्वारा पेश किया जाता है.

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

PF को एम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड (Employee Provident Fund) यानी EPF भी कहते हैं. यह सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक फायदा देने वाली स्कीम है.

किसी भी कंपनी में काम करने वाली कर्मचारी की सैलरी कई हिस्सों में बंटी होती है जैसे बेसिक सैलरी, ट्रैवल अलाउंस, स्पेशल अलाउंस वगैरह.

PF में हर महीने कर्मचारी की बेसिक सैलरी से 12% पैसा काटकर PF के खाते में डाल दिया जाता है. कर्मचारी के अलावा कंपनी भी अपनी तरफ से इतना ही यानी 12% पैसा उस कर्मचारी के PF अकाउंट में डालती है.

नियोक्ता के हिस्से में से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना या ईपीएस में निवेश किया जाता है, जिसे ईपीएफओ द्वारा चलाया जाता है, जबकि शेष राशि ईपीएफ में निवेश की जाती है.

PF या EPF आपको तब मिलता है, जब आप किसी कंपनी से रिटायर होते हैं या रिज़ाइन करते हैं. रिज़ाइन करने के दो से तीन महीने के बाद आप अपने PF खाते में जमा सारा पैसा निकाल सकते हैं.

अगर आप एक कंपनी छोड़कर किसी और कंपनी में नौकरी करने जा रहे हैं, तो आप पिछली कंपनी का PF अगली कंपनी में ट्रांसफर भी करा सकते हैं.

अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो उसके PF खाते में जमा पैसा उन लोगों को दे दिया जाएगा, जिन्हें उस कर्मचारी ने नॉमिनेट किया होगा. आप अपने PF के आधार पर लोन भी ले सकते हैं.

स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF)

वीपीएफ ईपीएफ का विस्तार होता है. इसका मतलब है कि निवेशक वीपीएफ के लिए तब ही जा सकते हैं, जब उनके पास ईपीएफ अकाउंट हो. ईपीएफ की तरह ही वीपीएफ में 8.5 फीसद ब्याज मिलता है.

कर्मचारी अगर अपनी बेसिक सैलरी व डीए के 12 फीसद से अधिक राशि पीएफ फंड में जमा करता है, तो उसे VPF या स्वैच्छिक भविष्य निधि कहते हैं.

कोई भी वेतनभोगी कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 100 फीसद तक VPF में जमा करा सकता है. इस योजना के तहत निवेशक ईपीएफ में अपना योगदान बढ़ाकर लंबे समय में काफी मोटा रिटर्न प्राप्त कर सकता है.

सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)

रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF काफी अच्छा निवेश विकल्प है. आप चाहें, तो किसी भी राष्ट्रीय बैंक या पोस्ट ऑफिस में PPF अकाउंट खोल सकते हैं.

इसके लिए आपको किसी कंपनी का कर्मचारी होना भी ज़रूरी नहीं है. यह योजना 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है. आप चाहें, तो इसे पांच साल के लिए बढ़ा भी सकते हैं.

PPF अकाउंट खुलने पर आपको इसमें हर साल कम से कम 500 रुपए डालने ही होंगे. ज़्यादा से ज़्यादा पैसे जमा करने की लिमिट 70 हज़ार रुपए है. इस समय पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी है.

किसमें ज्यादा फायदा

PF में PPF से ज़्यादा फायदा है, क्योंकि PF में आपके साथ-साथ आपकी कंपनी भी पैसे डालती है, जबकि PPF में सिर्फ आप ही पैसे जमा करते हैं. दूसरा फायदा यह है कि आमतौर पर PF पर ब्याज दर PPF के मुकाबले ज़्यादा होती है.

Published - August 4, 2021, 07:13 IST