देश की आर्थिक स्थिति सुधर रही है. इसका असर नए जॉब के अवसर और इनकम बढऩे के रूप में दिखाई देने लगा है. इन सभी फैक्टर्स का असर शेयर बाजार पर भी दिखाइ दे रहा है. शेयर मार्केट नई ऊंचाई को छू रहा है. पिछले एक साल में मार्केट की वैल्यूएशन काफी बढ़ चुकी है. कई जानकारों को लग रहा है कि आने वाले वक्त में मार्केट में गिरावट आ सकती है.ऐसे माहौल में छोटे निवेशक रिस्क का आकलन करते हुए अपने पोर्टफोलियो में बदलाव कर सकते हैं.
डायनेमिक एसेट आवंटन फंड या संतुलित एडवॉन्टेज फंड विशेष प्रकार के म्यूचुअल फंड होते हैं, जो अपने पोर्टफोलियो का 0 से 100 फीसदी तक का हिस्सा जरूरत के अनुसार, डेट या इक्विटी में निवेश कर सकते हैं.
फंड कमाई कैसे करते हैं?
डायनेमिक आवंटन फंड्स का इस्तेमाल बेहतर संतुलन के लिए किया जाता है. यह नए निवेशकों के लिए बढ़िया विकल्प साबित हो सकते हैं, जिनकी जोखिम क्षमता कम है. यदि बाजार लंबे समय तक गिरावट देखता है, तो इक्विटी फंडों का एनएवी काफी नीचे चला जाता है.
हालांकि, निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि ये फंड अधिक डेट भी रख सकते हैं. इस वजह से ये विपरीत समय में रक्षा कवच प्रदान कर सकते हैं. हालांकि, इस वजह से वे कई दफा इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से रिटर्न के मामले में पिछड़ भी सकते हैं.
कितना हो डेट-इक्विटी का रेशियो
डेट और इक्विटी में निवेश का आधार कई फैक्टर्स पर निर्भर है. इसमें एक फैक्टर है उम्र. सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर प्रतीक शर्मा बताते हैं, “आपकी उम्र जितनी हो उतना फीसदी निवेश डेट में होना चाहिए.” यदि आप 30 साल के हैं तो आपके पोर्टफोलियो में 70% इक्विटी और 30% डेट या कैश होना चाहिए. जब आप 60 साल के हो जाएं तब पोर्टफोलियो में सिर्फ 40% इक्विटी रखें. उम्र के इस वक्त में सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान (STP) और सिस्टेमेटिक विद्ड्रॉल प्लान (SWP) को पसंद करना चाहिए.
महंगाई दर
आपको महंगाई दर को पछाड़ सके इस तरह से पोर्टफोलियो में बदलाव करते रहना चाहिए. महंगाई को पछाड़ कर लाभ दे सके ऐसा रिटर्न पाने के लिए इक्विटी को छोड़कर शायद ही कोई माध्यम है. यदि आप इक्विटी में सीधे निवेश नहीं कर सकते तो म्यूचुअल फंड और SIP के जरिए निवेश का विकल्प है. म्यूचुअल फंड में भी आप डायनेमिक म्यूचुअल फंड पसंद कर सकते हैं.
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड
डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड्स को बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स भी कहा जाता है. ये फंड्स इक्विटी में 65%-80% और Fixed इनकम में 20%-35% निवेश करते हैं. ये फंड एसेट एलोकेशन के सिद्धांत पर काम करते हैं. ऐसे फंड्स का मकसद विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करके रिस्क और रिटर्न के बीच संतुलन बनाए रखने का होता है.