संवत 2078 में ये 9 गलतियां जेब पर पड़ सकती हैं भारी

एक निवेशक के रूप में आपको संवत 2078 में इन 9 बेड मनी हेबिट से दूर रहने का संकल्प लेना चाहिए और धनवान बनने की ओर आगे बढ़ना चाहिए.

  • Team Money9
  • Updated Date - November 5, 2021, 01:06 IST
Don’t repeat these 9 bad money habits in Samvat 2078

Pixabay - पहले बचत के बारे में सोचे और फिर खर्च का विचार करें, ऐसा करने से आपको लॉन्ग-टर्म में काफी फायदा होगा.

Pixabay - पहले बचत के बारे में सोचे और फिर खर्च का विचार करें, ऐसा करने से आपको लॉन्ग-टर्म में काफी फायदा होगा.

संवत 2078 में एक निवेशक के रूप में आपको कुछ गलत आदतों से दूर रहने का संकल्प लेना चाहिए. यहां ऐसी 9 आदतें या गलतियों के बारे में बात करेंगे जो आमतौर पर निवेशकों में देखी जाती हैं.

(1) बचत को बाय-बाय करने की गलती
दुनिया के दिग्गज निवेशक वॉरन बफे अनावश्यक खर्च करने से बचते हैं. उनका कहना है कि, “खर्च करने के बाद जो बचा है उसे सेविंग में न लगाएं, बल्कि बचत के बाद जो बचा है उसे खर्च करें.” विशेषज्ञों का कहना है कि, व्यक्ति को 50-30-20 रूल का पालन करते हुए अपनी कमाई का कम से कम 20 या 30 फीसदी हिस्से को बचत में लगाना चाहिए. यदि आप पहले खर्च और बाद में बचत करते हैं तो ये गलती सुधारनी चाहिए.

(2) सिर्फ सेविंग अकाउंट में पैसे रखने की गलती
ज्यादातर लोग अपना पैसा सेविंग अकाउंट में रखना पसंद करते हैं. सेविंग अकाउंट में सिर्फ जरूरत के वक्त काम आ सके उतना पैसा ही रखना चाहिए. अभी सेविंग अकाउंट में सिर्फ 3-4 फीसदी ब्याज मिल रहा हैं, जो महंगाई दर से भी कम हैं. यानी, आपका पैसा ग्रो नहीं डि-ग्रो हो रहा हैं. इस गलती को तुरंत ही सुधार लें और उसे कहीं भी इंवेस्ट करके मुनाफा कमाने का प्रयास करें.

(3) कमाई के मुकाबले कर्ज बढाने की गलती
किसी भी व्यक्ति का ऋण-आय अनुपात (debt-income ratio) 21% – 35% हैं, तो उसे बहुत अच्छा अनुपात माना जाता है. यदि आपकी इनकम के मुकाबले कर्ज का बोज बढता जाएगा तो ये अनुपात खराब होगा, जो आपके क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव प्रभाव डालेगा. यदि आपका ऋण-आय अनुपात 35%-60% के बीच है, तो आपको उच्च ब्याज दर से ही लोन मिल सकता हैं. यदि ऋण-आय अनुपात 60% से अधिक है, तो ऋण प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो सकता है.

(4) नकलची बंदर बनने की गलती
अपने पडोसी या दोस्त या रिश्तेदार या झूनझूनवाला की नकल करना बंद करें, क्योंकि आपका निवेश आपका निजी मामला हैं, इसमें दूसरों की दखलअंदाजी गलत हैं. आपकी जोखिम लेने की क्षमता, आपके लक्ष्य आदि के बारे में सिर्फ आप जानते हैं, इसलीए निवेश भी आपकी जरूरत के मुताबिक होना चाहिए, दूसरे की नकल के मुताबिक नहीं. एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए लेकिन एक्सपर्ट की नकल नहीं करनी चाहिए.

(5) गलत स्टॉक या म्यूचुअल फंड को प्यार करने की गलती
आपको जिस ब्रांड से प्यार हैं, उसी ब्रांड का शेयर खरीदना गलत हैं. शेयर का चयन ब्रांड की लोकप्रियता के आधार पर नहीं, बल्कि कंपनी के फंडामेंटल और दूसरे कारकों के आधार पर करना चाहिए. आपकी फेवरिट कंपनी का म्यूचुअल फंड हैं, सिर्फ इसलिए उसकी स्कीम में निवेश करने की गलती से दूर रहें. कई निवेशक गलत कारणों के आधार पर किसी स्टॉक या म्यूचुअल फंड से प्यार कर बैठते है. निवेश करते वक्त आपकी फेवरिट प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी की फाइनेंशियल कंडिशन कितनी मजबूत है वह देखें.

(6) सोशल मीडिया के आधार पर निवेश करने की गलती
व्होट्स एप, ट्वीटर, फेसबूक जैसे सोशल मीडिया में जिसके बारे में अधिक चर्चा हो रही हैं, ऐसे शेयर में निवेश करनी की गलती से दूर रहें. यदि कोई शेयर या कंपनी किसी कारण चर्चा में है तो लोग ऐसे शेयर में निवेश करने लगते है. हमेशा ध्यान रखें कि, कंपनियों के प्रमोटर या सट्टा खेलने वाले या बडे निवेशक अच्छी वैल्यू पाने के लिए हाइप क्रिएट करवाते है, और छोटे निवेशको को उनकी जाल में फसा कर तगडा रिटर्न कमा कर निकल जाते है.

(7) इमर्जेंसी फंड न बनाने की गलती
मुसीबत कभी भी आ सकती हैं. ऐसे वक्त यदि आपके पास बफर फंड होगा तो मुसीबत का सामना आसानी से कर पाएंगे. इसलिए एक इमर्जेन्‍सी फंड जरूरी है. विशेषज्ञ कम से कम 6 महीने तक चले ऐसा इमर्जेंसी फंड बनाने की सलाह देते हैं. कई लोग ऐसा फंड न होने की वजह से कोरोना महामारी के वक्त काफी परेशान हुए थे, लेकिन फिर भी अपनी गलती सुधारने से दूर भागते हैं.

(8) प्रीमियम, बिल, EMI समय से न भरने की गलती
होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन का EMI, बिजली-पानी का बिल और इंश्योरेंस का प्रीमियम समय से न भरने पर जुर्माना या लेट पेमेंट फीस चुकानी पडती हैं. अगर आप वक्त पर बीमा पॉलिसी का प्रीमियम या लोन की EMI नहीं भरते हैं तो टैक्स लग जाता है. लोन की EMI या क्रेडिट कार्ड का बकाया वक्त से न चुकाने पर क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है.

(9) भावनाओं और भय में बह जाने की गलती
भावनाओं और भय को आपके निर्णयों को प्रभावित करने की अनुमति देना यानि घाटे को बुलावा भेजना. लोग मंदी में या मार्केट में क्रेश के वक्त निवेश करना बंध कर देते है, जो बहुत बडी गलती है. आपको मंदी में ही सबसे ज्यादा निवेश करना चाहिए. यदि आप SIP अमाउंट बढाएंगे या टोप-अप या स्टेप-अप करेंगे तो फायदे में रहेंगे, क्योंकि कम कीमत में ज्यादा युनिट का फायदा मिलेगा. मंदी में अपने इमोशन पर काबू रखें और निवेश बरकरार रखें.

Published - November 5, 2021, 01:06 IST