महंगाई के जमाने में अपने बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए बढ़ा फंड तैयार कर पाना आसान काम नहीं है.लेकिन पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) स्कीम आपके इस काम को आसान बना सकती है.पब्लिक प्रोविडेंट फंड लंबे समय तक निवेश करने वाली एक पॉपुलर स्कीम है. यह न सिर्फ सेफ्टी के लिहाज से बेहतर है, बल्कि FD, RD जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम से ज्यादा रिटर्न देने वाली स्कीम है. हम पीपीएफ से जुड़ी ऐसी बातें आपको बता रहे हैं, जो बड़े काम की हैं. ज्यादातर लोगों को ये बातें पता नहीं होतीं.
1. मैच्योरिटी की तारीख
पीपीएफ खाते का पीरियड 15 साल का होता है. 15 साल बाद मैच्योरिटी होने के बाद भी आप अपने खाते को जारी रख सकते हैं. मैच्योर होने के बाद खाते में पैसा जमा करने की जरूरत नहीं होती है. आप चाहें तो 15 साल बाद भी खाते को बिना किसी योगदान के जारी रख सकते हैं.
2. कंट्रिब्यूशन एक साल में 12 बार ही
नियमानुसार, हर साल कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का योगदान पीपीएफ में किया जा सकता है. 1.5 लाख रुपये की राशि अपने खाते के साथ नाबालिग व्यक्तियों (जैसे बच्चों) के खातों की कुल अधिकतम सीमा है. आप एक वित्त वर्ष एकमुश्त रकम या हर महीने कुछ रकम जमा कर सकते हैं. लेकिन एक साल में आप 12 दफा से ज्यादा इस स्कीम में पैसा जमा नहीं कर सकते.
3. कितना योगदान
चूंकि इस स्कीम में लॉक-इन पीरियड उस वित्त वर्ष के अंत से शुरू होता है, जिस वित्त वर्ष में आपने योगदान किया है, इसलिए अगर आप पीपीएफ में पैसा सालाना जमा करते हैं तो आप इस स्कीम की पूरी अवधि में कुल 16 बार पैसे जमा करते हैं, न कि 15 बार.
4. ब्याज की गणना
पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है.
5. नाबालिग के लिए योग्यता
एक अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर पीपीएफ खाता खोल सकता है. लेकिन अगर अभिभावक के पास पहले से ही खुद का पीपीएफ खाता है, तो बच्चे के खाते सहित अभिभावक के खाते में सालाना केवल 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं.
6. आंशिक लिक्विडिटी
पीपीएफ खाते (PPF account) के 7 साल पूरे जाने पर आप उसमें से कुछ रकम निकाल सकते हैं. पीपीएफ से आंशिक निकासी भी कर-मुक्त (tax free) है.
7. समयावधि से पहले बंद करना
समय से पहले खाता बंद करना सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही संभव है. आपना खाता 15 वर्षों से पहले बंद करवाने के लिए आपको कम से कम पांच साल पूरे करने होंगे.
8. निकासी पर टैक्स
पीपीएफ की राशि ईईई श्रेणी में आती है, इसलिए समय से पहले निकाली गई राशि पर भी कोई टैक्स नहीं लगता.
9. जुर्माना या दंड
यदि आप साल में 500 रुपये का न्यूनतम योगदान जमा नहीं करते, तो आपका खाता बंद कर दिया जाता है. इस खाते को फिर से सक्रिय करने के लिए आपको 50 रुपये प्रतिवर्ष के जुर्माने के साथ 500 रुपये प्रतिवर्ष की न्यूनतम राशि भी जमा करवानी होगी.