Best Tax-Saving Instruments: टैक्स बचाने के कई विकल्प हैं, जिसमें आप आयकर कानून की विभिन्न धारा के तहत कर-कटौती का लाभ ले सकते है. ऐसे विकल्प में राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, टैकस-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट, न्यू पेंशन योजना, इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड आदि शामिल हैं. हालांकि, कुछ सबसे लोकप्रिय कर-बचत साधन हैं जो आपके टैक्स बचाने के साथ साथ अन्य साधनों की तुलना में बेहतर रिटर्न भी प्रदान करते हैं. आपके लिए कौन सा साधन उपयुक्त कर-बचत साधन है, उसका चयन व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर निर्भर हैं.
अपना सारा पैसा एक ही इंस्ट्रूमेंट में लगाने से आपको लंबे समय में कोई फायदा नहीं होता है. एक अच्छी तरह से संतुलित पोर्टफोलियो ही आपको फायदा करा सकता हैं. ये हैं कुछ सबसे उपयुक्त टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट, जो आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की अनुमति देते है.
PPF सबसे लोकप्रिय कर-बचत निवेश साधन है जहां आप प्रति वर्ष 7.1% रिटर्न कमा सकते हैं, यह FD की तुलना में बेहतर है.
PPF में निवेश करने पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट तो मिलती ही है. साथ ही 15 साल बाद मैच्योरिटी के समय मिलने वाली पूंजी और इंटरेस्ट की रकम पर भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. इस योजना के और भी कई फायदे हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. बता दें, पीपीएफ में निवेश करने वाले लोग 15 साल बाद हर पांच साल बाद निवेश की अवधि 5-5 साल बढ़ा सकते हैं.
ULIP जीवन बीमा के साथ-साथ निवेश लाभ प्रदान करता है. ULIP के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम ऋण और इक्विटी बाजार में निवेश किया जाता है जो आपके लिए रिटर्न उत्पन्न होता हैं.
ULIP में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जिसके दौरान आप अपना पैसा नहीं निकाल सकते. इसके अलावा, इसकी परिपक्वता राशि बजट 2021 से पहले कर-मुक्त थी. उन्हें म्यूचुअल फंड के बराबर बनाने के लिए, बजट 2021 कर के नियमों में बदलाव लाया गया. जिसमें मूल रूप से कहा गया था कि यदि एक वर्ष में प्रीमियम 2.5 लाख रूपये से अधिक है तो केपिटल गेइन पर टैक्स लागू होगा.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) सरकार समर्थित एक जमा योजना है, जिसमें माता-पिता अपनी दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के लिए निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसकी डिपॉजिट एक PPF खाते के समान है, लेकिन PPF की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान करता है.
इसमें लॉक-इन अवधि आठ वर्ष है, और सरकार ने 7.6% रिटर्न तय किया हैं. इसमें किए गए निवेश पर धारा 80C के तहत 1.5 लाख रूपये की सीमा तक टैक्स-बेनिफिट मिलता हैं. आपको अवधि समाप्त होने पर मिलने वाली मैच्योरिटी राशि कर मुक्त है, और अर्जित ब्याज भी कर से मुक्त है.
म्यूचुअल फंड की केवल ELSS केटेगरी आपको टैक्स-बेनिफिट प्रदान करती हैं. टैक्स बचाने के साथ साथ अच्छा रिटर्न कमाने के लिए ELSS म्यूचुअल फंड को प्रॉफिटेबल इंवेस्टमेंट माना जाता हैं. ELSS फंड आपका पैसा इक्विटी में लगाते हैं और इसमें तीन साल का लॉक-इन पीरियड रहता हैं.
इसमें किए गए निवेश पर आप धारा 80C के तहत 1.5 लाख रूपये की सीमा तक टैक्स-बेनिफिट क्लेम कर सकते हैं.
हालांकि, ELSS यूनिट को रीडिम करने पर यदि वर्ष का केपिटल गेइन इंडेक्सेशन के माध्यम से बिना किसी मुद्रास्फीति लाभ के 1 लाख रूपये से अधिक है तो मिलने वाले केपिटल गेइन पर 10% टैक्स लागू होता है.