डेट फंड भी हैं पोर्टफोलियो के लिए जरूरी, निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्याल

Debt Funds: अभी वैल्यूएशन ज्यादा है और जोखिम भी बढ़ा हुआ है. इस स्थिति में पोर्टफोलियो में स्थिरता लाने के लिए डेट पर भी निवेश किया जाना चाहिए

  • Team Money9
  • Updated Date - October 1, 2021, 11:26 IST
Investments, fixed maturity plans, maturity index funds, markets, passive funds

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ और एडलवाइस एमएफ सहित फंड हाउस ने इस तरह के टारगेट मैच्योरिटी फंड लॉन्च किए हैं

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ और एडलवाइस एमएफ सहित फंड हाउस ने इस तरह के टारगेट मैच्योरिटी फंड लॉन्च किए हैं

शेयर बाजार इन दिनों नए-नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. ऐसे में गिरावट में खरीदारी की बात को जोर-शोर से कहा जा रहा है. हालांकि, अभी वैल्यूएशन ज्यादा है और जोखिम भी बढ़ा हुआ है. इस स्थिति में पोर्टफोलियो में स्थिरता लाने के लिए डेट पर भी निवेश (debt investment) किया जाना चाहिए.

Invesco Mutual Fund के हेड (फिक्स्ड इनकम) विकास गर्ग का कहना है, ‘आपके पोर्टफोलियो में डेट इनवेस्टमेंट शामिल होना चाहिए, क्योंकि यह दूसरे निवेशों से ज्यादा प्रभावित नहीं होता और आपके पोर्टफोलियो से जुड़े जोखिम को संतुलित करता है. किसी वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने में यह दूसरे एसेट के साथ मिलकर काम करता है. हांलाकि, किस तरह के एसेट में निवेश करना है, यह व्यक्ति के जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करता है. लेकिन समय-समय पर सभी एसेट क्लास के बीच संतुलन कायम करना जरूरी होता है.’

ध्यान रहे कि डेट इन्वेस्टमेंट की अपनी अलग बारिकियां होती है. इस पर निवेश करने से पहले आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए.

जोखिम

कई निवेशक यह मानते हैं कि डेट इन्वेस्टमेंट में बिल्कुल रिस्क नहीं होता. जबकि इसमें भी कुछ जोखिम होते हैं. डेट मामलों के विशेषज्ञ जॉयदीप सेन का कहना है, ‘कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए, इनमें निवेश की क्रेडिट क्वॉलिटी, तरलता वगैरह शामिल हैं. मौजूदा हालात में RBI ब्याज दरें बढ़ा सकता है. यदि यह दरें बढ़ती हैं तो पोर्टफोलियो पर इसका उलटा असर पड़ेगा.’

महंगाई का मामला

डेट फंडों पर महंगाई का बुरा असर पड़ता है. TRUST MF के CEO संदीप बागला का कहना है, ‘जहां तक बात डेट फंडों की है तो मुद्रास्फीति से इसके प्रदर्शन पर असर पड़ता है. ज्यादा मुद्रास्फीति से ब्याज दरें बढ़ती हैं और इससे डेट निवेश प्रभावित होता है. लंबी अवधि वाले बॉन्ड ब्याज दरों से अधिक प्रभावित होते हैं. इस जोखिम को विभिन्न प्रकार के फंड और परिपक्वता अवधि के जरिए कम किया जा सकता है.’

निवेश के सही हालात

बाजार में कई तरह के डेट उत्पाद उपलब्ध होते हैं. इनमें एक दिन वाले ओवरनाइट फंड से लेकर 7 दिन वाले लिक्विड शामिल हैं. साथ ही 10 से 20 वर्ष वाले गिल्ट फंड भी उपलब्ध हैं. सेन बताते हैं, ‘हालात को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए. उदाहरण के लिए, 5-6 की अवधि के बजाए, आपको धीरे-धीरे कम होने वाली अवधि पर विचार करना चाहिए. जैसे-जैसे पोर्टफोलियो की मैच्योरिटी अवधि कम होती है, उतार-चढ़ाव भी कम होते नजर आते हैं.’

म्यूचुअल फंड को चुनें

गर्ग बताते हैं कि म्यूचुअल फंड में विभिन्न तरह के उत्पाद हैं, जिनकी अलग-अलग अवधि होती है. वह कहते हैं, ‘डेट म्यूचुअल फंड में 1 दिन से 15 वर्ष वाले उत्पाद उपलब्ध हैं, जिन्हें अपनी जरूरतों के हिसाब से खरीदा जा सकता है.’

Published - October 1, 2021, 11:26 IST