डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, जानिए इसमें कितना होता है रिस्क

म्यूचुअल फंड पोर्टफॉलियो को सुरक्षित करने के लिए डेट फंड शामिल करने चाहिए, लेकिन इससे पहले आपको कुछ अहम बातों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 21, 2021, 05:39 IST
MF, MUTUAL FUNDS, RTA, SEBI, SEBI CIRCULAR

एक जानकार सलाहकार निवेशकों को उनकी पूरी फाइनेंशियल यात्रा में सहायता कर सकता है और यहां तक ​​कि उन्हें उच्च रिटर्न प्राप्त करने में मदद करने के लिए बाजार की जानकारी भी प्रदान कर सकता है

एक जानकार सलाहकार निवेशकों को उनकी पूरी फाइनेंशियल यात्रा में सहायता कर सकता है और यहां तक ​​कि उन्हें उच्च रिटर्न प्राप्त करने में मदद करने के लिए बाजार की जानकारी भी प्रदान कर सकता है

Debt Fund: बाज़ार हर दिन नई उंचाइओं को छू रहा है, ऐसे में म्यूचुअल फंड निवेशकों के पोर्टफॉलियो में इक्विटी पोर्शन बढ गया है, जिसे कम करने और पोर्टफॉलियो को सुरक्षित करने के लिए डेट फंड में निवेश की सलाह दी जाती है. यदि आप भी अपने म्यूचुअल फंट पोर्टफॉलियो में डेट फंड शामिल करने के बारे में सोच रहे है, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. डेट फंड को पसंद करने से पहले निवेशक को अपने टार्गेट और रिस्क को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए, ऐसा करने से डेट फंड की सही केटेगरी का चयन करने में मदद मिलेगी.

डेट फंड्स और उनके विभिन्न प्रकार

डेट फंड एक तरह के म्यूचुअल फंड हैं जो आपका पैसा निवेश करके आपको रिटर्न कमा कर देते है. SEBI ने डेट म्यूचुअल फंड को विभिन्न केटेगरी में वर्गीकृत किया है, जिसमें ओवरनाइट फंड, लॉन्ग-ड्यूरेशन फंड, लिक्विड फंड, डायनेमिक बॉन्ड फंड, अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म फंड, शोर्ट-ड्युरेशन फंड, कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड, लो ड्यूरेशन फंड, क्रेडिट रिस्क फंड, मनी मार्केट फंड, बैंकिंग & PSU फंड, गिल्ट फंड और फ्लोटर फंड शामिल है.

डेट फंड्स कहां करते है निवेश

डेट म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से निश्चित आय वाले उपकरणों जैसे ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों और अन्य डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. उधार देने की अवधि और उधारकर्ता का प्रकार, डेट फंड के जोखिम स्तर को निर्धारित करते हैं.

डेट फंड्स में रिटर्न

विभिन्न प्रकार के डेट फंड में से क्रेडिट रिस्क केटेगरी के फंड्स ने एक साल में सबसे अधिक 8.30% रिटर्न दिया हैं, वहीं पीछले 3, 5 और 10 साल के रिटर्न की बात करें तो, क्रमशः 9.99%, 7.45% और 8.35% रिटर्न के साथ लोंग-ड्यूरेशन केटेगरी के डेट फंड्स आगे है.

कैसे तय करेंगे सही डेट फंड

AMFI-रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्युटर भरत जोषीपुरा कहते है कि, डेट फंड में निवेश करने का आपका प्राथमिक उद्देश्य पूंजी का संरक्षण होना चाहिए. आपको सबसे पहले अपनी आवश्यकता तय करनी होगी. यदि आप कम अवधि के लिए निवेश करना चाहते है तो ओवरनाइट, लिक्विड, अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड जैसी केटेगरी के डेट फंड्स को चुनें और लंबी अवधि का टार्गेट है तो गिल्ट, मीडियम-टु-लोंग ड्यूरेशन और लोंग ड्यूरेशन फंड आपको अच्छा रिटर्न देंगे. डेट फंड का चयन करने के लिए आपको अपनी रिस्क-केपेसिटी भी जान लेनी चाहिए.

रिटर्न की गारंटी नहीं

याद रखें, सभी म्यूचुअल फंडों की तरह डेट फंड भी मार्केट-लिंक्ड उत्पाद हैं, यानि रिटर्न की कोई गारंटी नहीं मिलती. जिन डेट फंड्स ने बेस्ट प्रदर्शन किया है, वह भी इंटरेस्ट रेट रिस्क और क्रेडिट रिस्क ते जुड़े हुए है. इंटरेस्ट रेट रिस्क बाजार की ब्याज दरों पर निर्भर करता है, जिस पर फंड मैनेजरों का सीमित नियंत्रण होता है. दरों में अप्रत्याशित वृद्धि होने से आपको महीनों से हो रहा केपिटल गेइन ज़ीरो भी हो सकता है.

क्रेडिट रिस्क

डेट फंड के पास जिन कंपनियों के बॉन्ड होते है, वह कंपनियां यदि डिफॉल्ट होती है तो क्रेडिट रिस्क आपको परेशान कर सकता है. DHFL और IL&FS के उदाहरण अभी ताज़ा है, जिसकी वजह से कई डेट फंड के मूल्य में भारी गिरावट आई थी.

Published - August 21, 2021, 05:39 IST