मौजूदा समय में अधिकांश लोगों के बटुए में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) होना आम बात है. प्रत्येक कार्ड की लिमिट अलग होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं, यह तय कैसे होती है. वहीं, अगर कार्ड की लिमिट बढ़वाना चाहें, तो कैसे बढ़वा सकते हैं. आज हम यही बताने जा रहे हैं.
दरअसल, क्रेडिट लिमिट वह लिमिट होती है जिसके बराबर क्रेडिट कार्ड होल्डर अपने कार्ड से अधिकतम खर्च कर सकता है.
यह लिमिट बैंकों और वित्तीय संस्थानों की तरफ से तय की जाती है और हर क्रेडिट कार्ड पर एक समान नहीं होती है. क्रेडिट कार्ड पर लाभ और विशेषताओं के आधार पर ही क्रेडिट लिमिट तय होती है.
कैनरा बैंक के आगरा के लीड बैंक के प्रबंधक कृष्ण कुमार निगम के मुताबिक, कार्ड होल्डर को यह जान लेना चाहिए कि इसका कोई तय मानक नहीं है.
फिर भी बैंक क्रेडिट लिमिट तय करने से पहले फिक्स खर्चे, मासिक कमाई और वित्तीय दायित्वों के बारे में जानकारी जुटाता है.
इसके लिए बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप, टैक्स डॉक्यूमेंट और क्रेडिट रिपोर्ट देखता है. यह सब देखने के बाद बैंक अधिकारी मासिक कमाई को 2 या 3 से मल्टीप्लाई करेगा.
इसके बाद बैंक आपके फिक्स खर्चों को घटाएगा. बैंक आपकी कर्ज और कमाई के अनुपात की गणना करेगा.
इसके लिए बैंक आपकी सभी ईएमआई को आपकी मासिक कमाई से भाग देगा, क्रेडिट लिमिट तय करते समय कर्ज और कमाई की रेश्यो को ध्यान में रखा जाएगा.
वहीं, कार्ड पर मिलने वाली कैश लिमिट क्रेडिट कार्ड की कुल क्रेडिट लिमिट का ही हिस्सा है, इसे क्रेडिट कार्ड के जरिए अतिरिक्त कैश अमाउंट के तौर पर नहीं देखना चाहिए.
आप अगर मौजूदा क्रेडिट कार्ड की लिमिट से खुश नहीं है और चाहते हैं,कि इसे बढ़वाना चाहिए, तो ये काम आप कर सकते हैं.
अगर आप अपना कार्ड रेगुलर इस्तेमाल करते हैं और अपना बिल टाइम से चुकाते हैं, तो बैंक अपनेआप आपके कार्ड का क्रेडिट लिमिट बढ़ा देगी.
अगर आप अपना बिल टाइम से चुकाते रहेंगे, तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहेगा और आप बैंक की नजरों में जिम्मेदार कार्डहोल्डर के तौर पर देखे जाएंगे, जिससे कि बैंक आपको हाई क्रेडिट लिमिट ऑफर कर सकते हैं.
क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के लिए रिक्वेस्ट डालें- आप अपने बैंक में अपने कार्ड की लिमिट बढ़ाने को लेकर रिक्वेस्ट डाल सकते हैं.
रिक्वेस्ट आप या तो नेटबैंकिंग के जरिए डाल सकते हैं या फिर बैंक के ब्रांच पर जाकर भी डाल सकते हैं.
आप बैंक में अपना इनकम स्टेटमेंट डालकर लिमिट बढ़ाने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं. अगर आपकी इनकम बढ़ी है तो आप नए पेस्लिप वगैरह के साथ अपना क्रेडिट लिमिट बढ़वाने की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं.
बैंक हाई क्रेडिट लिमिट वाले कस्टमर्स को वरीयता देते हैं, जिससे उन्हें लोन मिलने में आसानी होती है.
हाई क्रेडिट लिमिट होने पर आपको अचानक सामने आई किसी इमरजेंसी को लेकर भरोसा रहता है. मेडिकल इमरजेंसी के दौरान इसकी असली अहमियत समझ आती है.