कोविड-19 इलाज की रकम पर टैक्स छूट सही फैसला, लेकिन सरकार रहे सतर्क

Tax Exemption: सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि ये छूट कागजातों में फंसकर ना रह जाए. साथ ही, इस ढिलाई का फायदा उठाते हुए कोई टैक्स चोरी ना करें

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रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे मामले में नर्म रुख रखने के लिए कहा है.

रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे मामले में नर्म रुख रखने के लिए कहा है.

Tax Exemption: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए आम आदमी को कोविड-19 के इलाज के लिए मिली रकम पर टैक्स छूट का ऐलान किया है. गर एंप्लॉयर से ये रकम मिली है तो इस छूट की सीमा नहीं है लेकिन अगर किसी शुभचिंतक ने पैसे दिए हैं तो 10 लाख रुपये की सीमा है. ये छूट वित्त वर्ष 2020 से लागू की जा रही है.

देश में अब तक 3.01 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड-19 संक्रमण हो चुका है और इसमें रोजाना वृद्धि हो रही है. ऐसे समय में वित्त मंत्रालय का ये फैसला आम नागरिकों के लिए राहत की खबर है. अगर किसी को संक्रमण हुआ था और उन्हें इलाज के लिए बड़ी रकम दी गई थी तो इसपर टैक्स लगाना निर्दयता होगी.

हालांकि, ऐसे दो चीजे हैं जिसपर सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है. पहला ये कि इस छूट का फायदा लोग उठा सकें इसके लिए खर्च के सर्टिफिकेशन की जरूरत हो सकती है. लेकिन, हो सकता है कि सभी लोग इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती ना हुए हों क्योंकि अस्पतालों में बेड की किल्लत से सभी वाकिफ हैं. वहीं, घर पर इलाज के साथ ही डॉक्टर के कंसल्टेशन, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं, मेडिकल डिवाइस के साथ ही अन्य कई खर्च हुए होंगे.

दूसरा कि शुक्रवार की टैक्स छूट के बाद से कुछ लोग दोस्तों और रिश्तेदारों से इलाज के लिए रकम लेकर इस प्रावधान के तहत इलाज के नाम पर छूट उठाएंगे.

ऐसे में मुश्किल वक्त में लोगों की मदद के लिए उठाई इस छूट का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है. सरकारों को ऐसे मामलों में कड़ाई करनी होगी.

Published - June 26, 2021, 09:11 IST