Income Tax rules: CBDT ने I-T नियमों में किया संशोधन, ई-फाइलिंग का ऑथेंटिकेशन होगा आसान

I-T e-filing: CBDT ने फेसलेस एसेसमेंट आसान बनाने के लिए आयकर नियम, 1962 में संशोधन किया है. ई-फाइलिंग अब इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड से प्रमाणित होगी

cbdt amends income tax rules to ease e filing authentication faceless assessment

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि संशोधित नियम कंपनियों और टैक्स ऑडिट के मामले में भी लागू होगा. अब तक उनके लिए रिकॉर्ड दर्ज करने से पहले उसे डिजिटल सिग्नेचर के साथ प्रमाणित करना अनिवार्य रहा है

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि संशोधित नियम कंपनियों और टैक्स ऑडिट के मामले में भी लागू होगा. अब तक उनके लिए रिकॉर्ड दर्ज करने से पहले उसे डिजिटल सिग्नेचर के साथ प्रमाणित करना अनिवार्य रहा है

वित्त मंत्रालय ने इनकम टैक्स पोर्टल (income tax portal) पर पंजीकृत खातों के जरिए दर्ज कराए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जांच (electronic record verification) की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए आयकर नियमों में संशोधन किया है. इलेक्ट्रिॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) के जरिए ऑथेंटिकेशन मुमकिन हो सकेगा. नए नियम 6 सितंबर से लागू हो चुके हैं.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (The Central Board of Direct Taxes – CBDT) ने सेक्शन 144B(8) के तहत किए जाने वाले फेसलेस एसेसमेंट (faceless assessment) को आसान बनाने के लिए आयकर नियम (Income Tax Rules), 1962 में संशोधन किया है. इसके तहत पोर्टल पर लॉगइन कर के जब कोई रजिस्टर्ड यूजर इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड दर्ज करेगा, तो यह मान लिया जाएगा कि इसे EVC द्वारा प्रमाणित किया गया है.

कंपनियां, ऑडिट केस भी उठा सकेंगे फायदा

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि संशोधित नियम कंपनियों और टैक्स ऑडिट के मामले में भी लागू होगा. अब तक उनके लिए रिकॉर्ड दर्ज करने से पहले उसे डिजिटल सिग्नेचर के साथ प्रमाणित करना अनिवार्य रहा है. इनके लिए भी प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से सरकार ने नियम के तहत इनको शामिल करने का फैसला किया है.

जिन लोगों का ई-फाइलिंग के लिए इनकम टैक्स पोर्टल पर रजिस्टर्ड अकाउंट नहीं है, वे इस सुविधा का फायदा नहीं उठा सकेंगे. जिनके पास डिजिटल उपलब्धता नहीं है, उनके लिए इनकम टैक्स ऑफिसर ई-फाइलिंग अकाउंट बनाकर, फिर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रक्रिया आगे बढ़ाने की सुविधा दे सकते हैं.

साथ ही, ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए VU, टेक्निकल इनपुट के लिए TU जैसी प्रक्रियाओं को भी फेसलेस एसेसमेंट से जोड़ने पर विचार किया जा सकता है.

क्या है फेसलेस असेसमेंट स्कीम

आयकर विभाग (ITD) ने करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए फेसलेस असेसमेंट स्कीम की शुरुआत की थी. इस स्कीम के तहत नोटिस का जवाब डिजिटल रूप से, कहीं से भी, कभी भी दिया जा सकता है.

यह स्कीम 2019 के केंद्रीय बजट में पेश की गई थी. फेसलेस असेसमेंट में डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से तय होता है कि कौन सा टैक्स असेसमेंट कौन सा अधिकारी करेगा. स्कीम के जरिए करदाता और आयकर विभाग के बीच मानवीय इंटरफेस को खत्म करने का प्रयास किया गया है.

Published - September 8, 2021, 03:13 IST