शेयर बाजार और कमोडिटी बाजार को छोड़ इस वक्त देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अधिक मुनाफा कमाने के लालच में निवेशक बिना सोचे समझे करेंसी में निवेश करने में लगे हुए हैं. ऐसे ही निवेशकों को आगाह करने के लिए देश के शीर्ष प्राइवेट बैंक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों को परिसंपत्ति से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. पिछले दो-तीन हफ्तों में एचडीएफसी बैंक, एक्सिस और आईसीआईसीआई बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले ग्राहकों को उससे जुड़े जोखिम के बारे में सूचित करने के लिए ईमेल भेजे हैं. वहीं सरकार भी डिजिटल मुद्राओं को विनियमित करने के लिए नए कानून पर काम कर रही है.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार एक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक अमिताभ चौधरी ने कहा, “जब आप विज्ञापन देखते हैं तो मुझे वास्तव में चिंता होती है क्योंकि वे सिर्फ निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाए गए होते हैं. हमारी चिंता यह है कि हम उन ग्राहकों का पता लगाने के लिए सभी प्रकार के कदम उठा रहें हैं जो क्रिप्टो में पैसा लगा रहे हैं और उनसे बातचीत कर रहे हैं, इसके अलावा हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते है. ईटी ने जिन बैंकरों से बात की उन्होंने संकेत दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भी उन्हें क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए अपने प्लेटफॉर्म का प्रयोग करके निवेशकों को आगाह करने के लिए बोला है.
चौधरी ने कहा, आरबीआई का बैंकों को संदेश है कि सावधान रहें. उन्होंने कहा, हम खाते नहीं खोल रहे हैं और न ही किसी भी लेनदेन की अनुमति नहीं दे रहे हैं, लेकिन इन सब के बावजूद भी निवेशक सुरक्षित नहीं है, उन्हें खुद कोशिश करनी होगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते भारतीय स्टेट बैंक के एक सम्मेलन में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए तर्क देते हुए कहा था कि ये देश की वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकते हैं.
यह ऐसे गहरे मुद्दे हैं जिन पर अधिक गहन चर्चा की आवश्यकता है. क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक विधेयक सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा जिससे शायद कोई रास्ता निकाल सकता है.