बैंक FD से अधिक रिटर्न और कम जोखिम लेना चाहते हैं तो इन ऑप्शंस पर करें गौर

म्यूचुअल फंड के कुछ प्लान आपको शॉर्ट-टर्म लक्ष्यों के हिसाब से कम जोखिम उठाकर आसानी से स्थिर रिटर्न प्राप्त करने का मौका प्रदान करते हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 7, 2021, 12:48 IST
Best Investment Options for 1-Year or short-term Investment

Pixabay - लिक्विड फंड्स की मैच्योरिटी 3 से 6 महीने की होती है. यह एक कम जोखिम वाली म्यूचुअल फंड योजना है.

Pixabay - लिक्विड फंड्स की मैच्योरिटी 3 से 6 महीने की होती है. यह एक कम जोखिम वाली म्यूचुअल फंड योजना है.

Investment Plans for Short-Term: अगर आपके पास सरप्लस कैश है, जो सेविंग अकाउंट में ऐसे ही पड़ा है और आप कुछ दिनों के लिए या 1 साल के लिए उसे निवेश करना चाहते हैं तो बैंक FD को चुन सकते हैं, लेकिन कई निवेशक इसके कम रिटर्न के कारण दूसरे विकल्पों के बारे में सोच रहे हैं. ऐसे निवेशकों को म्यूचुअल फंड का चयन करना चाहिए. इनमें निवेश से आप अपने शॉर्ट-टर्म लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कम जोखिम उठाकर आसानी से स्थिर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. आप मनी मार्केट फंड या लिक्विड फंड में पैसा रख सकते हैं. ये फंड्स आपका पैसा मनी मार्केट सिक्यॉरिटीज जैसे शॉर्ट-टर्म मैच्योरिटी स्कीम्स में लगाते हैं, जहां रिस्क काफी कम होता हैं.

डेट फंड

ये शॉर्ट-टर्म निवेश योजनाएं हैं जो कॉरपोरेट बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, ट्रेजरी बिल और अन्य डेट सिक्योरिटीज से युक्त फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड की तुलना में ये कम जोखिम वाले होते हैं. यदि आप उच्च मात्रा में लिक्विडिटी चाहते हैं, तो डेट फंड में निवेश कर सकते हैं, और नियमित आय और कर लाभ भी अर्जित कर सकते हैं.

लिक्विड फंड

ये ओपन-एंडेड डेट फंड है, जो T-bills, कमर्शियल पेपर्स (CP) और टर्म डिपॉजिट जैसे मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते है. लिक्विड फंड्स की मैच्योरिटी 3 से 6 महीने की होती है. यह एक कम जोखिम वाली म्यूचुअल फंड योजना है जो बैंक में आपके FDs या बचत खाते की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान करती है. इसमें 7-9% की सीमा में रिटर्न मिल सकता हैं.

आर्बिट्राज फंड

आपको निवेश पर रिटर्न पाने के लिए इस प्रकार के म्यूचुअल फंड डेरिवेटिव और नकदी के बीच के अंतर का लाभ उठाते है. यदि आपके पास अतिरिक्त नकदी है, और कम जोखिम लेने की क्षमता है, तो अपना पैसा आर्बिट्राज फंड में लगा सकते हैं. टैक्स गिनती के लिए इन्हें इक्विटी म्यूचुअल फंड के रूप में माना जाता है, और 1 साल के भीतर बेचे गए फंड के लिए, आपको 30% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स का चुकाना होगा, जबकि एक साल के बाद बेचे गए आर्बिट्राज फंड पर 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा.

फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (FMP)

इस प्रकार के प्लान को क्लोज-एंडेड डेट फंड के रूप में भी जाना जाता है. ये कॉरपोरेट बॉन्ड, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, कमर्शियल पेपर्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, सरकारी सिक्योरिटीज और उच्च दर वाले नोन-कन्वर्टिबल डिबेंचर में निवेश करते हैं. इस प्रकार की योजना के लिए सबसे सामान्य अवधि तीस दिन से लेकर 180 दिन, 370 दिन और 395 दिन तक होती है.

शॉर्ट-टर्म और अल्ट्रा-शॉर्ट डेट फंड

शॉर्ट टर्म डेट म्यूचुअल फंड एक ऐसी स्कीम को संदर्भित करता है, जहां प्लान की मैच्योरिटी 1 साल से लेकर 3 साल तक होती है. ये कम जोखिम वाले फंड हैं जो निवेशकों को मध्यम रिटर्न देते हैं. शॉर्ट-टर्म डेट फंडों की तुलना अक्सर उनके समान निवेश शर्तों के कारण FD से की जाती है. अल्ट्रा-शॉर्ट डेट फंड म्यूचुअल फंड स्कीम हैं जिनमें मैच्योरिटी 3 से 6 महीने तक होती है. यदि आप कुछ महीनों के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इसमें शून्य जोखिम है. FD की तुलना में, इस प्रकार का फंड थोड़ा अधिक रिटर्न देता है.

ट्रेजरी बिल (T-bills)

ये मनी-मार्केट साधन हैं जिन्हें केंद्र सरकार एक वर्ष तक की परिपक्वता अवधि के लिए जारी करती है. T-bills की तीन-परिपक्वताएं होती हैं – 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन. उन्हें डिस्काउंट पर जारी किया जाता है और फेस वैल्यू पर भुनाया जाता है. ट्रेजरी बिलों में शून्य-जोखिम और उच्च स्तर की व्यापार क्षमता होती है.

Published - October 7, 2021, 12:48 IST