टैक्स सेविंग, बेहतर रिटर्न के लिए इन 10 सरकारी स्‍कीम्‍स में कर सकते हैं निवेश

Investment Ideas: बाजार में कई ऐसी इंवेस्‍टमेंट स्‍कीम्स मौजूद हैं, जो टैक्स में छूट के साथ-साथ फाइनेंशियल लक्ष्य हासिल करने में भी मदद करती हैं

  • Team Money9
  • Updated Date - September 7, 2021, 11:32 IST
10 government savings schemes to help reduce tax, get better returns

बच्चा टेबल पर रखे फल का सेवन ही करेगा क्योंकि उसे भूख लगी होगी, लेकिन बाद में ये तकनीक उनके बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी

बच्चा टेबल पर रखे फल का सेवन ही करेगा क्योंकि उसे भूख लगी होगी, लेकिन बाद में ये तकनीक उनके बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी

Government Savings Scheme: फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए टैक्स सेविंग करना बेहद जरूरी होता है. बाजार में कई ऐसी इंवेस्‍टमेंट स्‍कीम्स मौजूद हैं, जो टैक्स में छूट के साथ-साथ फाइनेंशियल लक्ष्य हासिल करने में भी मदद करती हैं. आइए जानते हैं ऐसी ही दस टैक्स सेविंग स्‍कीम्‍स के बारे में.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट

फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit – FD) सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है. यह निश्चित रिटर्न देता है. आज भी कई मिडिल क्लास परिवारों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश के लिए अच्छा विकल्प बना हुआ है.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (tax saving FD) में 5 साल या उससे अधिक का लॉक-इन पीरियड होता है. यह सुरक्षित है और टैक्स सेविंग के साथ-साथ अच्छा रिटर्न भी देती है. स्कीम में ब्याज दरें बैंक पर निर्भर करती हैं.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (public provident fund – PPF) इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स बचाने के लिए लोकप्रिय और सर्वोत्तम विकल्पों में से एक है. यह स्कीम सरकार द्वारा भी सपोर्ट की जाती है. यह लंबे समय के निवेश के लिए सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है. PPF 7.1 प्रतिशत का हाई इंटरेस्ट रेट भी प्रदान करता है. इस पर प्राप्त होने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री होता है.

वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF)

वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (voluntary provident fund – VPF) टैक्स को बचाने का एक और इंस्ट्रूमेंट है. यह किसी के प्रोविडेंट फंड अकाउंट में अतिरिक्त योगदान का विकल्प होता है. इसमें भी मैच्योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री होता है.

सुकन्या समृद्धि योजना

अगर आपकी बेटी है, तो सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) आपके लिए सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है. यह योजना बहुत अच्छे ब्याज दर प्रदान करती है. सेक्शन 80C के तहत टैक्स से पूरी तरह से फ्री है. SSY का कार्यकाल 21 वर्ष या 18 वर्ष की आयु के बाद बेटी की शादी होने तक का हो सकता है.

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)

नेशनल पेंशन स्कीम (national pension scheme – NPS) सरकारी निवेश की स्कीम है. इसके माध्यम से बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार किया जा सकता है. सशस्त्र बलों के कर्मचारियों, पब्लिक, प्राइवेट और अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर को छोड़कर सरकार के लिए काम करने वाले कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करने पर आपको 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स छूट मिल सकती है.

अटल पेंशन योजना (APY)

अटल पेंशन योजना (APY) एक सरकारी योजना है, जिसका लक्ष्य सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है. इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी. यह 60 वर्ष की आयु के बाद गारंटीड पेंशन प्रदान करने वाली स्कीम है. इससे सभी बैंकों के खाताधारक जुड़ सकते हैं. यह योजना न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये प्रति माह की पेंशन प्रदान करती है.

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)

सरकार द्वारा चलाई जाने वाली यह योजना सीनीयर सिटिजंस के लिए है. वरिष्ठ नागरिक इसमें व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से एकमुश्त निवेश कर सकते हैं. SCSS पर लागू ब्याज दर 7.4 फीसदी प्रति वर्ष है.

हालांकि, इंट्रेस्ट इनकम पूरी तरह टैक्सेबल होती है. यह देशभर के सभी बैंकों और डाकघरों में उपलब्ध है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत इस योजना में 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती प्राप्त की जा सकती है.

लाइफ इंश्योरेंस

लाइफ इंश्योरेंस के कई फायदे होते हैं. जैसे कि लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम धारा 80C के तहत आपकी कुल आय से कटौती योग्य होता है. अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो पे-आउट पर लाभार्थी को कोई टैक्स नहीं भरना होता.

हेल्थ इंश्योरेंस

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80D के तहत आप हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स कटौती प्राप्त कर सकते हैं. यह पॉलिसीधारक, जीवनसाथी, बच्चों और पॉलिसीधारक पर निर्भर माता-पिता को कवर करता है.

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट स्कीम (NSCS)

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट स्कीम (national savings certificate scheme – NSCS) में किया गया निवेश धारा 80C के तहत कटौती का पात्र है. इस योजना की अवधि 5 वर्ष की होती है.

Published - September 7, 2021, 11:32 IST