टर्म इंश्योरेंस को न केवल देश में पसंद किया जाता है बल्कि एनआरआई (NRI) भी भारत में टर्म इंश्योरेंस खरीदते हैं. FATCA (फॉरेन एकाउंट टैक्स कॉम्पलियांस एक्ट) और वीडियो आधारित-केवायसी जैसे कॉन्टैक्टलेस डॉक्यूमेंटेशन की वजह से उन्हें भारत में यह पॉलिसी खरीदने में आसानी होती है. आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, बैंकिंग चैनल के जरिए ऐसी बीमा का प्रीमियम भरा जाता है. असल में एनआरआई, भारत में निवास कर रहे अपने परिवार, जो वित्तीय रूप से उन पर आश्रित हैं, उनके लिए यह टर्म इंश्योरेंस लेते हैं. आप 500 रुपए महीने के प्रीमियम पर बीमा कवर हासिल कर सकते हैं. साथ ही, एनआरआई द्वारा दिए गए लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी को हटाया भी जा सकता है, बशर्ते प्रीमियम को विदेशी मुद्रा में जमा किया गया हो.
वैसे एनआरआई को भारत में टर्म इंश्योरेंस तभी ले लेना चाहिए, जब वे यहां हुए हों. हालांकि, डिजिटल माध्यम से भी वे यह पॉलिसी खरीद सकते हैं. Policybazaar.com के हेड (टर्म इंश्योरेंस) सज्जा प्रवीण चौधरी के मुताबिक, “जरूरी नहीं है कि पॉलिसी खरीदते वक्त व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति रहा जाए. ऑनलाइन माध्यम से भी ऐसा किया जा सकता है.”
एनआरआई ऑनलाइन प्रीमियम भी भर सकते हैं. ऑनलाइन तरीके से बीमा कंपनी सभी आवश्यक दस्तावेज मांगा सकती है. ध्यान रहे कि कंपनियां उस देश को भी महत्व देती हैं, जहां आप अभी रह रहे हैं.
चौधरी के मुताबिक, “जब एनआरआई पॉलिसी खरीदते हैं तो कुछ अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है. यदि आप विदेश में हैं तो कंपनी आपको मेडिकल रिपोर्ट जमा करने के लिए कह सकती है, और यदि आप पॉलिसी लेते वक्त भारत में हैं तो कंपनी स्वास्थ्य जांच करवा सकती है.”
लोग विदेश में रहते हुए अच्छी कमाई हासिल करते हैं. किंतु, अधिकांश बार उनके परिवार सदस्य, जो उन पर आर्थिक तौर पर निर्भर हैं, भारत में रहते हैं. ऐसे में अपने परिवार की सुरक्षा के लिए भारत में टर्म इंश्योरेंस लेना जरूरी हो जाता है. यदि आपके कुछ अनहोनी हो जाती है तो आपका परिवार बीमा राशि का क्लेम कर सकता है. लेकिन आपने विदेश में बीमा लिया हुआ है तो आपके परिवार के लिए वहां जाकर क्लेम करना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए बीमा खरीदते वक्त अपने नॉमिनी के दृष्टिकोण से सोचें, न कि अपने बारे में.
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