एक करोड़ का टर्म इंश्योरेंस मौजूदा समय में काफी बड़ा लग सकता है, लेकिन क्या यही रकम भविष्य में भी ठीक रहेगी? शायद नहीं. दरअसल, यह बीमा कंपनियों के मार्केटिंग ट्रिक के अलावा कुछ नहींं. क्योंकि बीमा की राशि कितनी हो यह तो आपकी जिम्मेदारियों, जरूरतों और भविष्य के वित्तीय लक्ष्य के आधार पर तय होता है. कैसे, हम आपको 9 पाइंट में समझाते हैं-
अखिल और विनय की जरूरतों से समझें
फर्ज कीजिए, 22 साल के अखिल ने बीटेक खत्म करके अभी नौकरी शुरू की है. न कोई कर्ज, न परिवार. ऐसे में अखिल एक करोड़ रुपए के बीमा का क्या करेंगे ? लेकिन 35 साल के विनय पर होमलोन है, परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। उन्हें शायद एक करोड़ से ज्यादा टर्म इंश्योरेंस की जरूरत होगी. इस स्थिति में एक करोड़ का बीमा शायद दोनों के लिए फिट न बैठे.
समझिए सबसे जरूरी बात
टर्म इंश्योरेंस अमूमन लंबी अवधि के लिए खरीदे जाते हैं. महंगाई का दीमक लगने के बाद यह एक करोड़ की राशि कितनी रह जाएगी. यदि महंगाई अगर 5 फीसदी की रफ्तार से भी बढ़ती है तो 15 साल बाद एक करोड़ रुपए का मूल्य 48 लाख रुपए के बराबर हो जाएगा.
भविष्य की जरूरतों का आकलन
देश में उच्च शिक्षा का औसत खर्च सालाना आठ फीसद की दर से बढ़ रहा है. अगर बच्चे को मेडिकल की पढ़ाई करानी है। फिलहाल इसका खर्च 40 लाख रुपए है तो 10 साल बाद इसके 80 लाख रुपए से ज्यादा धनराशि की जरूरत होगी. ऐसे में महंगाई को कवर करने के लिए जैसे-जैसे आपकी सालाना आय बढ़ती जाए उसी अनुपात में टर्म बीमा कवर को बढ़ाते जाएं.
लिविंग स्टैंडर्ड का रखें ध्यान
आपकी गैर मौजूदगी में आपके परिवार को आर्थिक स्वतंत्रता देने के लिए कितने रुपए का बीमा काफी होगा, इसका हिसाब लगाने के लिए आपको अपने रोजमर्रा के खर्चों का हिसाब, अपनी जिम्मेदारियों पर होने वाला खर्च का अनुमान और वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखना होगा. अपने परिवार के लिए लिए कम से कम वही लिविंग स्टैंडर्ड हो, जो आज है.
बचत का अनुमान
इतना ही नहीं भविष्य में आपके परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा इसके लिए आपको अपनी बचत का भी एक अनुमान लगाना चाहिए. इसके लिए स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड, एफडी या बैंक एफडी समेत आपके पास कुल कितनी बचत है, इसका हिसाब लगाकर अनुमान लगाएं कि यह आपके परिवार के भविष्य के लिए काफी होगी.
सम एश्योर्ड को परखें
हो सकता है कि आपके पास पहले से कोई बीमा हो लेकिन ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए आपको अपने बीमा कवर के सम एश्योर्ड को परख लेना चाहिए. एक बार अपने खर्चों का अनुमान लगा लें, उसमें महंगाई के असर को जोड़ लें. फिर अपनी कुल बचत में उसमें से घटा दें.
मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं
टर्म इंश्योरेंस प्लान पूरी तरह से वनीला लाइफ इंश्योरेंस प्रॉडक्ट होते हैं यानी कि इसमें मेच्योरिटी बेनेफिट्स नहीं मिलता है. इसमें कोई दोराय नहीं कि यही विशुद्ध बीमा है.
किफायती प्रीमियम
टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान के तहत बहुत कम प्रीयियम में अधिक कवर मिलता है. ध्यान रखें, जो लोग धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं, उन्हें अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है.
पॉलिसी की अवधि
पॉलिसी अवधि को सोच-समझकर चुनना चाहिए. कम अवधि होने पर परिवार की आर्थिक सुरक्षा प्रभावित होती है, वहीं अधिक अवधि रखने पर प्रीमियम महंगा पड़ सकता है.
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