बीमा कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाने के लिए एनएफओ लेकर आती हैं जो किसी विशेष फंड या सेक्टर पर आधारित होते हैं. इस स्कीम में पैसा लगाने पर निवेशकों को जीवन बीमा कवर मिलता है. कवर राशि निवेश के समय तय होती है. बीमा कवर का पैसा काटने के बाद बची हुई रकम स्कीम में शामिल फंड में निवेश कर दी जाती है. यूलिप का लॉक इन पीरियड पांच साल का होता है. एनएफओ में नेट एसेट वैल्यू यानी NAV की कीमत 10 रुपए होती है. यूलिप के पुराने फंड्स की एनएवी काफी ऊंची होती है. कुछ निवेशक सस्ते के फेर में भी एनएफओ में पैसा लगा देते हैं. 10 रुपए की यूनिट सिर्फ एनएफओ के निवेशकों को मिलेगी. एनएफओ लिस्ट होने के बाद एनएवी में बाजार के रुख के हिसाब से बढ़ती घटती रहेगी. अगर यह ओपन एंडेड स्कीम है तो नए निवेशक इसमें पैसा तो लगा सकते हैं लेकिन यूनिट बाजार भाव के हिसाब अलॉट होंगी. कुल मिलाकर यह यूलिप बेचने के लिए झांसा भर है. आपको सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करना है कि नई स्कीम आ रही है बल्कि जरूरत और स्कीम देखकर तय करना है.
किन-किन बीमा कंपनियों के NFO? बीमा क्षेत्र में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, टाटा एआईए, आईसीआईसीआई प्रू, बजाज आलियांज
बीमा कंपनियों के न्यू फंड ऑफर आ चुके हैं. ये कंपनियां एनएफओ के जरिए जुटाई गई रकम को हाई ग्रोथ वाले सेक्टरों में निवेश करके मौके का फायदा उठाती हैं. इससे निवेशकों को आकर्षक रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है. पिछले करीब डेढ़ साल में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का मिडकैप हाईब्रिड ग्रोथ फंड, टाटा एआईए का इमर्जिंग अपॉर्चनिटी फंड और बजाज आलियांज का फ्लैक्सी कैप फंड लॉन्च हुआ है. इन फंड्स ने 22 फीसद तक का रिटर्न दिया है. हाल ही लॉन्च मैक्स लाइफ का निफ्टी स्मॉलकैप क्वालिटी इंडेक्स फंड और बजाज आलियांज के डायनामिक एसेट अलोकेशन फंड भी अच्छा रिटर्न दे सकते हैं.
यूलिप में निवेश का फायदा? हर निवेश योजना की खूबियां और खामियां होती हैं. यह बात यूलिप से जुड़े एनएफओ पर भी लागू होती है. यह एक तरह का लाइफ इंश्योरेंस प्लान है. इस योजना में निवेश के जरिए आप जीवन बीमा कवर के साथ अपने धन को बढ़ा सकते हैं. साथ ही निवेश और मैच्योरिटी पर टैक्स का फायदा भी ले सकते हैं. यूलिप में इक्विटी और डेट फंड के बीच स्विच करने की सुविधा मिलती है. इसका कोई चार्ज नहीं लगता है. बीमा कंपनियां एक वित्तीय वर्ष में निश्चित संख्या में स्विच की सुविधा देती हैं. अगर आप फंड को स्विच करते हैं तो यह नया निवेश नहीं माना जाएगा. ऐसे में कोई टैक्स भी नहीं लगेगा. पांच साल की मैच्योरिटी के बाद अपने फंड में जरूरत के अनुसार आंशिक रूप से पैसे निकाल और टॉपअप कर सकते हैं. इस पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता. ये तमाम सुविधाएं म्यूचुअल फंड के निवेश में नहीं मिलती हैं.
यूलिप में कैसे मिलता है टैक्स लाभ? आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत यूलिप में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है. हालांकि यह लाभ तभी मिलेगा जब निवेश की राशि बीमा कवर की राशि से 10 फीसद तक हो. इससे अधिक प्रीमिमय होने पर टैक्स का लाभ नहीं मिलेगा. उदाहरण के लिए आपने किसी बीमा कंपनी के एनएफओ में एक लाख रुपए का निवेश किया तो बीमा कवर कम से कम 10 लाख रुपए होना चाहिए. अगर आप 3 लाख रुपए निवेश करके 30 लाख रुपए का कवर लेते हैं तो कटौती का लाभ 1.5 लाख तक ही सीमित होगा. यूलिप में 1 फरवरी, 2021 के बाद टैक्स में बदलाव किए गए हैं. अगर आपका यूलिप में कुल सालाना निवेश 2.5 लाख रुपए तक है तो पांच साल बाद मैच्योरिटी पर पूरी रकम टैक्स फ्री होगी. अगल सालाना निवेश 2.5 लाख रुपए से अधिक है तो ऊपर की राशि पर मिलने वाला रिटर्न टैक्सेबल होगा. अगर पॉलिसी की अवधि में निवेशक की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को मिलने वाली पूरी रकम टैक्स फ्री होगी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं कि बीमा कंपनियां की ओर से एनएफओ जारी करना कारोबार बढ़ाने का नया तरीका है. एनएफओ जारी करते समय बीमा कंपनियों की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं जो निवेशकों को खूब रिझाते हैं. जिस तरह मार्केट के जुड़े अन्य इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट के नफा-नुकसान होते हैं वो यूलिप के एनएफओ से भी जुड़े होते हैं. बीमा कंपनियों के एनएफओ में लाइफ कवर, रिटर्न और टैक्स बेनेफिट का लाभ मिलता है. ये सभी सुविधाएं म्यूचुअल फंड के एनएफओ में नहीं मिलतीं. इस मोर्चे पर यूलिप से जुड़े एनएफओ बेहतर लगते हैं, लेकिन लाइफ कवर की सुविधा निवेशक को मुफ्त में नहीं मिलती. कंपनी इसके लिए सालाना चार्ज लेती है. इस तरह आपका पूरा पैसा निवेश नहीं होता. इससे आपका निवेश और बीमा मिक्स हो जाता है जो किसी भी सूरत में अच्छा नहीं माना जाता. मेरे हिसाब से बीमा कवर के लिए टर्म इंश्योरेंस बेहतर है. पर्याप्त बीमा कवर खरीदने के बाद बाकी पैसा म्यूचुअल में निवेश कर सकते हैं.
यह बात सही है कि बीमा कंपनियों के एनएफओ में निवेश करने पर बीमा के साथ धन में वृद्धि और टैक्स सेविंग का फायदा मिलता है. शेयर बाजार की तेजी के दौर में बीमा कंपनियों के एनएफओ भी अच्छा रिटर्न दे रहे हैं. लेकिन किसी भी बीमा कंपनी के एनएफओ में आंख मूंदकर निवेश न करें. इस बात को अच्छी तरह से समझ लें कि बीमा कवर के एवज में प्रीमियम की राशि आपके निवेश से ही काटी जाएगी. इसके बाद जो रकम मिलेगी उससे आपको एनएनवी मिलेंगी. बीमा कंपनी के एनएफओ में निवेश पर खर्च की लागत म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा हो सकती है. इसलिए किसी भी कंपनी के एनएफओ में सोच-समझ कर पैसा लगाएं.
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