• English
  • বাংলা
  • తెలుగు
  • मराठी
  • ಕನ್ನಡ
  • ગુજરાતી
  • money9
  • बीमा
  • बचत
  • कर्ज
  • इन्वेस्टमेंट
  • आईपीओ
  • कमोडिटी
    • गोल्ड
    • कृषि
    • एनर्जी
    • मेटल्स
  • Breaking Briefs
downloadDownload The App
Close
  • Home
  • Videos
  • Podcast
  • Exclusive
  • टैक्स
  • म्यूचुअल फंड
  • बचत
  • कर्ज
  • म्यूचुअल फंड
  • स्टॉक
  • प्रॉपर्टी
  • कमोडिटी
    • गोल्ड
    • कृषि
    • एनर्जी
    • मेटल्स
  • Survey 2023
  • Survey Report
  • Breaking Briefs
  • बीमा
  • बचत
  • लोन
  • इन्वेस्टमेंट
  • म्यूचुअल फंड
  • प्रॉपर्टी
  • टैक्स
  • Exclusive
  • आईपीओ
  • Home / बीमा

जीवन बीमा पॉलिसी में क्या होते हैं मॉर्टैलिटी चार्ज? यहां है पूरी डिटेल

मॉर्टैलिटी चार्ज (mortality charges) सम एश्योर्ड से फंड वैल्यू को घटाने पर निर्भर करता है. इसे सम एट रिस्क(sum at risk) के तौर पर भी जाना जाता है

  • Team Money9
  • Last Updated : August 29, 2021, 13:44 IST
सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो को इंटरेस्ट रेट पर सब्सिडी देती है. जितना भी आपका मोरेटोरियम पीरियड होता है उस दौरान ब्याज सरकार चुकाती है.
  • Follow

बीमा की असल लागत बीमा कंपनी द्वारा मॉर्टैलिटी चार्ज (mortality charges) के तौर पर वसूली जाती है. ये बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसी होल्डर को दिए गए लाइफ कवर के लिए लगाया गया चार्ज है. ये एक तय शुल्क नहीं है क्योंकि ये आपकी उम्र के मुताबिक बदलता रहता है. मॉर्टैलिटी चार्जेस मोटे तौर पर औसत लाइफ एक्सपेक्टेंसी रेश्यो (average life expectancy ratio), लिंग (gender), वित्तीय स्थिति (financial status), भौगोलिक इलाके (geography) और पॉलिसी होल्डर के व्यवसाय (occupation) से जुड़े होते हैं. बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा निर्धारित भारतीय बीमित जीवन मृत्यु तालिका 1994-96(Indian Assured Life Mortality Table) का इस्तेमाल बीमा कंपनियों द्वारा इस शुल्क को जोड़ने के लिए किया जाता है.

जब बीमा कंपनी आपका बीमा करती है जिसकी रकम निश्चित तौर पर बीमित आदमी की मृत्यु के मामले में नामांकित व्यक्ति को देय होती है, तो इस सर्विस के लिए कंपनी आपसे मॉर्टैलिटी चार्ज (mortality charges) वसूलती है. इस तरह मॉर्टैलिटी चार्ज (mortality charges) के नाम पर फंड वैल्यू से एक रकम काट ली जाती है.

मॉर्टैलिटी चार्ज (mortality charges) को सम एट रिस्क की तरह भी जाना जाता है. इसकी गणना सम एट रिस्क के हर हजार रुपये पर की जाती है. इसका मतलब है कि जोखिम जितना ज्यादा होगा, मॉर्टैलिटी चार्ज (mortality charges) उतने ही ज्यादा होंगे. मॉर्टैलिटी रेट (उम्र के मुताबिक) कवर या सम एट रिस्क के हर 1,000 रुपये पर लिया जाता है.

कैलकुलेट करने का फॉर्मूला

मॉर्टैलिटी चार्ज (mortality charges) = मृत्यु दर (जितनी उम्र हो गई) x सम एट रिस्क/ 1000 x 1/12.

प्योर टर्म पॉलिसियों(pure term policies) के लिए, इन चार्जेस को भुगतान किए गए प्रीमियम से काट लिया जाता है. दूसरी ओर, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (ULIP) के लिए, सेविंग्स फंड के बराबर यूनिट्स को रद्द कर दिया जाता है.

मान लें, एक 30 साल का आदमी 1 लाख रुपये के सालाना प्रीमियम और 10 लाख रुपये की बीमा रकम के साथ एक यूलिप खरीदता है. अगर पॉलिसी खरीदने के चौथे साल में उसकी मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी द्वारा दावा की जाने वाली रकम उस फंड वैल्यू से ज्यादा होगी. ये 5.5 लाख रुपये या 10 लाख रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है.

यहां नॉमिनी को डेथ बेनिफिट (death benefit) के तौर पर 10 लाख रुपये मिलेंगे. जीवन बीमा के इस जोखिम की भरपाई के लिए मॉर्टैलिटी चार्जेस काटे जाते हैं जो बीमा कंपनी वहन करती है.

वापस मिल सकते हैं मॉर्टैलिटी चार्ज

कई बीमा कंपनियां रिटर्न ऑफ प्रीमियम (ROP) पॉलिसियां भी ऑफर करती हैं. नई सुविधा के मुताबिक, बीमित व्यक्ति को मैच्योरिटी पर मॉर्टैलिटी चार्जेस वापस मिल जाते हैं, जो पॉलिसी टर्म के दौरान काटे गए थे. इन चार्जेस को आखिर में फंड वैल्यू में जोड़ा जाता है. अगर पॉलिसी को सरेंडर या बंद नहीं किया गया और सभी प्रीमियम का भुगतान समय पर किया गया है, तो पॉलिसी होल्डर मैच्योरिटी के समय में मॉर्टैलिटी चार्ज (mortality charges) को वापस पाने के लिए आश्वस्त हो सकता है.

Published - August 29, 2021, 01:44 IST

पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।    

  • Insurance
  • Insurance Policy
  • Insurance premium

Related

  • बिना इनकम प्रूफ के मिलेगा जीवन बीमा, यहां से करें बिना झंझट खरीदारी
  • सस्‍ता होगा लाइफ और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस! नितिन गडकरी ने GST हटाने की रखी मांग
  • अब झटपट निपटेगा हेल्‍थ इंश्‍योरेंस क्‍लेम, सरकार लॉन्‍च करेगी ये खास पोर्टल
  • बीमा कंपनियों को पंचायत स्‍तर पर देना होगा इंश्‍योरेंस कवर, IRDAI ने जारी किए नियम
  • हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेते समय न करें ये गलती, खारिज हो सकता है क्‍लेम
  • HDFC एर्गो जनरल इंश्योरेंस ने बंद किए ये 3 प्‍लान, जानें बीमाधारकों पर क्‍या होगा असर?

Latest

  • 1. फटाफट खरीद लो iPhone, बढ़ने वाले हैं दाम
  • 2. पैन-आधार नहीं हैं लिंक्ड?
  • 3. 10 साल से व‍िजय केड‍िया के पास ये शेयर
  • 4. Vi को मिलेगी सरकार से बड़ी राहत?
  • 5. Nifty50 का ह‍िस्‍सा बनेगी Indigo
  • Trending Stories

  • फटाफट खरीद लो iPhone, बढ़ने वाले हैं दाम!
  • पैन-आधार नहीं हैं लिंक्ड?
  • 10 साल से व‍िजय केड‍िया के पास ये शेयर
  • Vi को मिलेगी सरकार से बड़ी राहत?
  • Nifty50 का ह‍िस्‍सा बनेगी Indigo
  • TV9 Sites

  • TV9 Hindi
  • TV9 Marathi
  • TV9 Gujarati
  • TV9 Kannada
  • TV9 Bangla
  • TV9 English
  • News9 Live
  • Trends9
  • Tv9tamilnews
  • Assamtv9
  • Malayalamtv9
  • Money9 Sites

  • Money9 Hindi
  • Money9 English
  • Money9 Marathi
  • Money9 Telugu
  • Money9 Gujarati
  • Money9 Kannada
  • Money9 Bangla
  • Money9live
  • Topics

  • बीमा
  • बचत
  • कर्ज
  • शेयर
  • म्यूचुअल फंड
  • प्रॉपर्टी
  • टैक्स
  • क्रिप्टो
  • एक्सक्लूसिव
  • survey data
  • Download App

  • play_store
  • App_store
  • Contact Us
  • About Us
  • Advertise With Us
  • Privacy & Cookies Notice
  • Complaint Redressal
  • Copyright © 2025 Money9. All rights reserved.
  • Facebook
  • Twitter
  • Whatsapp
  • LinkedIn
  • Telegram
close