अस्पताल में छोटे से उपचार के लिए भी भारी-भरकम खर्च हो जाता है. इस तरह के जोखिम को कवर के लिए ‘ट्रैफिक एक्सीडेंट पॉलिसी’ अच्छा विकल्प है. इस योजना में मात्र 150 रुपए के खर्च पर एक लाख रुपए के बीमा कवर के साथ अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा मिलती है.
बिहार से नोएडा आया राहुल जोमैटो से जुड़ा ही था कि अगले ही दिन एक्सीडेंट में पैर टूटा गया. इलाज के लिए जेब में कुछ नहीं है… वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट बताती है कि भारत में विश्व के सिर्फ 1% वाहन हैं लेकिन सड़क हादसों में यहां 11 फीसद मौतें होती हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 4.50 लाख दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें 1.50 लाख लोग मौत के शिकार हो जाते हैं. रिपोर्ट की तह में जाने से तो पता चलता है कि देश में हर घंटे 53 सड़क हादसे होते हैं और चार मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है.
दुर्घटना में घायल बड़ी संख्या में लोग राहुल जैसे भी होते हैं जो पैसे के अभाव में उपचार नहीं करा पाते. अगर हादसों में घायलों को समय पर उपचार मिल जाए तो बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है.
ऐसे जोखिम से बचाव के लिए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की ‘ट्रैफिक एक्सीडेंट पॉलिसी’ अच्छा विकल्प है. इस पॉलिसी में दुर्घटना बीमा के साथ अस्पताल में इलाज की सुविधा भी शामिल है. यह पालिसी मात्र 150 रुपए के सालाना खर्च पर मिलती है जिसे आम लोग भी आसानी से खरीद कर सकते हैं.
टैक्स एवं इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन बताते हैं कि यह योजना व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा पालिसी का संयोजन है जिसमें यातायात दुर्घटना के कारण विकलांगता, मृत्यु या अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम शामिल है. जो लोग नियमित रूप से यात्रा करते हैं उन्हें इस तरह की पालिसी लेकर जोखिम की सुरक्षा करनी चाहिए.
किसके लिए जरूरी? बलवंत जैन कहते हैं कि सेल्समैन, आफिस ब्वाय और ड्राइवर जैसे पेशे से जुड़े लोग प्राय: यात्रा करते रहते हैं. आय सीमित होने की वजह से ये लोग महंगी स्वास्थ्य बीमा पालिसी नहीं खरीद पाते. पैसे के अभाव में ये उपचार नहीं करा पाते. इन लोगों पर तुलनात्मक रूप से दुर्घटना का जोखिम ज्यादा रहता है. ऐसे लोगों के लिए दुर्घटना बीमा एवं अस्पताल में भर्ती होने के लिए कोई बीमा पालिसी होना ज्यादा जरूरी है.
कौन खरीद सकता है? इस योजना में पांच से 70 साल तक के लोग शामिल हो सकते हैं. इसका प्रीमियम सभी आयु के लोगों के लिए एक लाख रुपए के बीमा कवर पर 150 रुपए प्रति वर्ष है. इस राशि में जीएसटी भी समायोजित है. यह पालिसी सिर्फ दुर्घटनाओं को कवर करती है.
दुर्घटना बीमा का लाभ इस पालिसी में मिलने वाले लाभ दो भागों में हैं. पहले भाग में व्यक्तिगत दुघर्टना बीमा के तहत सामान्य लाभ शामिल हैं. इसके तहत दुर्घटना में बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर बीमा कंपनी उसके नॉमिनी को एक लाख रुपए का भुगतान करेगी. हादसे में अगर बीमित व्यक्ति को दो अंगों या दो आंखों अथवा एक अंग का नुकसान होता है तो उसे उतनी राशि का भुगतान किया जाएगा. एक अंग या एक आंख की क्षति होने पर बीमा कवर का 50 फीसद राशि का भुगतान किया जाएगा. स्थायी रूप से विकलांगता में एक लाख रुपए का क्लेम मिलेगा.
अस्पताल में भर्ती होने के लाभ पालिसी के दूसरे भाग में बीमित व्यक्ति सड़क एवं रेल दुर्घटना में घायल होने पर अस्पताल में उपचार के एवज में किए गए खर्च को क्लेम कर सकता है. यह एक लाख रुपए तक का खर्च किसी भी अस्पताल अथवा नर्सिग होम में उपचार और सर्जरी के एवज में कवर किया जाता है.
बिना भर्ती के क्लेम इस पॉलिसी के तहत अस्पताल में भर्ती हुए बिना भी कुछ खर्चों को क्लेम कर सकते हैं. इनमें ओपीडी का खर्च प्रमुख रूप से शामिल है. प्राय: स्वास्थ्य बीमा कंपनियां ओपीडी के खर्च को कवर नहीं करतीं. इस बीमा में एक लाख रुपए के कवर में ओपीडी का 10,000 रुपए तक का खर्च शामिल है. दुर्घटना के मामले में पीड़ित व्यक्ति घटनास्थल से अस्पताल तक के एम्बुलेंस खर्च को भी क्लेम कर सकता है. अगर पीड़ित को अस्पताल नहीं भेजा जा सकता है तो घर पर होने वाले चिकित्सा संबंधी खर्च को भी भी कवर किया जाता है.
मनी9 की सलाह दुर्घटना के कारण अस्पातल में अचानक भर्ती होने की आशंका उन लोगों के लिए ज्यादा रहती है जो युवा और स्वस्थ हैं. ऐसे लोगों के लिए यह पालिसी बहुत ही उपयोगी है. इस बीमा के निरंतर लाभ के लिए पालिसी को समय रहते रिन्यू कराते रहें. पॉलिसी खरीदते समय नॉमिनी जरूर नियुक्त कराएं ताकि दुर्घटना में मौत की स्थिति में उसे बीमा का लाभ मिल सके.
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