हाल ही में हॉस्पिटल गए मोहन ने सोच लिया है कि बस अब तो हेल्थ इंश्योरेंस लेकर ही रहेंगे. हॉस्पिटल भर्ती होकर बीमारी तो ठीक हो गई लेकिन इलाज का बिल देखकर बीपी बढ़ गया. इन खर्चों से निजात पाने के लिए अब वह हेल्थ इंश्योरेंस लेने की सोच रहे हैं. लेकिन समस्या ये है कि मोहन हेल्थ बीमा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वो सबसे अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुने. तो अगर आप भी मोहन की हेल्थ प्लान खरीदना चाहते हैं लेकिन इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं. तो हम आपको बताते हैं कि हेल्थ इन्श्योरेंस खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना है-
सम इंश्योर्ड
आप एक साल में जिस अधिकतम राशि का क्लेम कर सकते हैं उसे सम इंश्योर्ड कहते हैं. अगर सम इंश्योर्ड आपकी जरूरत से कम होगा तो आपको इलाज का बचा खर्च अपनी जेब से देना होगा. अगर सम इंश्योर्ड जरूरत से ज्यादा होगा तो यह आप पर EMI का बोझ बढ़ाएगा. इसलिए आपको अपनी उम्र के हिसाब से सम इंश्योर्ड का चुनाव करना चाहिए. उम्र बढ़ने के साथ बीमार रहने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए कम उम्र में कम सम इंश्योर्ड और ज्यादा उम्र में ज्याद सम इंश्योर्ड लें.
डिस्काउंट पर न दें ध्यान
सस्ते प्रीमियम में सामान्य पॉलिसी मिलती है. हालांकि इलाज की जरूरत पड़ने पर आपको कई गुना ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. इसलिए अच्छे डिस्काउंट की अच्छी सुविधाएं वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी चाहिए.
रूम रेंट की लिमिट
सामान्य हेल्थ प्लान में आमतौर पर रूम रेंट समइंश्योर्ड का 1% होता है. इस खर्च से बचने के लिए आप ऐसी पॉलिसी खरीदें जिसमें रूम रेंट और ICU खर्च की कोई कैपिंग न हो.
प्री एंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन
एंट्री लेवल की बीमा पॉलिसी में हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च शामिल नहीं होता. आपको ऐसी पॉलिसी खरीदनी चाहिए जिसमें ये दोनों खर्च कवर हो रहे हों. अगर आप कोई सस्ती पॉलिसी ले चुके हैं जिसमें ज्यादा फीचर नहीं है तो आप उसे रिन्यू करा सकते हैं. आप अपनी जरूरत के हेल्थ प्लान में नए फीचर शामिल कर सकते हैं. अगर आपकी कंपनी के पास ज्यादा फीचर नहीं है तो आप पॉलिसी को पोर्ट भी करा सकते हैं.
ये हैं टॉप टेन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान
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