मैटरनिटी इंश्योरेंस एक विशेष बीमा योजना है, जो गर्भवती महिला यानी मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को कवर करता है. इसमें नॉर्मल व सिजेरियन दोनों में होने वाले खर्च को शामिल किया जाता है. सरल भाषा में कहा जाए, तो इस बीमा में आपके मां बनने से संबंधित अधिकतर मेडिकल खर्चों को कवर किया जाता है. आज के समय में मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान बहुत जरूरी हो गया है.
सही समय क्या है?
कंपनियां मैटरनिटी कवर 20-25 वर्ष की आयु वाले दंपतियों के लिए तैयार करती हैं. हालांकि मौजूदा समय में अलग-अलग कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) में मैटरनिटी कवर में ज्यादा उम्र की महिलाओं को भी शामिल किया जाता है. ज़्यादातर मैटरनिटी इंश्योरेंस पॉलिसी का वेटिंग पीरियड 3-4 साल का होता है. इसका मतलब है कि वेटिंग पीरियड पूरा होने के बाद ही आप पॉलिसी में दिए गए फायदों का लाभ उठा सकते हैं. इसीलिए, शादी के तुरंत बाद ही मैटरनिटी कवर लेने के लिए सबसे सही समय होता है.
क्या-क्या कवर करता है
मैटरनिटी बेनिफिट के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मुख्य रूप से प्रेग्नेंसी से जुड़े खर्चों को कवर करती है. इसमें डिलीवरी संबंधित खर्च, प्रसव से पहले और बाद के खर्च, नवजात शिशु का मेडिकल खर्च, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च इत्यादि शामिल हैं.
क्या कवर नहीं किया जाता है?
गर्भावस्था या प्रसव के बाद मां या बच्चे को दिए गए विटामिन व अन्य सप्लीमेंट आदि डॉक्टर द्वारा दोबारा बुलाए जाने पर होने वाला खर्च व डॉक्टर की फीस प्रसव के बाद किए जाने वाले मेडिकल टेस्ट फर्टिलिटी, स्टर्लाइजेशन, बर्थ कंट्रोल प्रोसीजर इत्यादि के ट्रीटमेंट स्टेम सेल के स्टोरेज के खर्च को भी बीमा कंपनी नहीं कवर करती है मेडिकल उपकरणों का खर्च
क्या है लाभ
अस्पताल में भर्ती होने से 30 दिन पहले तक के सारे मेडिकल खर्च आपके बीमा प्लान द्वारा कवर कर लिए जाते हैं. इसके अलावा जब आपको अस्पताल से छुट्टी मिलती है, तो उसके बाद 60 दिन तक का खर्च भी आपके इन्शुरन्स प्लान द्वारा ही कवर किया जाता है.
कैश की चिंता किए बिना बीमा कंपनी के नेटवर्क में आने वाले किसी भी अस्पताल में जाकर अपना इलाज शुरू करवा सकती हैं.
अस्पताल जाने और अस्पताल से वापस घर आने के लिए एम्बुलेंस का खर्च आपकी बीमा कंपनी कवर करती है.
कुछ कंपनियां अपनी पॉलिसी में 90 दिन बाद नवजात को कवर देने की पेशकश करती हैं. साथ ही इंतजार अवधि को लेकर भी कंपनियां अलग-अलग पेशकश करती हैं.
कुछ कंपनियां क्लेम फ्री बोनस देती है.
मैटरनिटी इन्शुरन्स को खरीदने के लिए आपको ज्यादा जद्दोजहद करने की आवश्यकता नहीं है. आप घर बैठे ऑनलाइन भी इस प्लान के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत आप को प्रीमियम पेमेंट पर टैक्स छूट मिलती हैं.
पॉलिसी लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
स्वास्थ बीमा खरीदते समय मैटरनिटी लाभ देने वाले प्लान के लिए अलग-अलग नियम और शर्तें होती हैं. नियमों और शर्तों को ध्यानपूर्वक जरूर पढ़ें. प्रतीक्षा अवधि (waiting period), कवरेज लिमिट, सामान्य एवं सीजेरियन सेक्शन डिलिवरी के लिए सब-लिमिट पर ध्यान देना चाहिए. नवजात शिशु को पहले दिन से कवरेज, टीकाकरण लाभ जैसे फीचर हैं कि नहीं, यह जरूर जानना चाहिए.
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