बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने स्वास्थ्य बीमा में अब नए ट्रीटमेंट को शामिल किया है. इरडा ने सभी बीमा कंपनियों को निर्देश जारी किया है. इसके तहत अब बीमा कंपनियों को सरोगेसी (surrogacy) को हेल्थ इंश्योरेंस कवर में शामिल किया गया है. यानी अब स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीज के तहत सरोगेसी के खर्चों का भी कवर मिलेगा. इरडा के इस ऐलान से उन कपल्स को बड़ी राहत मिली है जो बच्चे के लिए सरोगेसी का विकल्च चुनते हैं. आइए जानते हैं इसमें कौन-कौन से खर्च शामिल किए गए हैं.
क्या-क्या खर्च शामिल?
इरडा ने अपने निर्देश में कहा है कि सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज को सरोगेसी और बांझपन से संबंधित उपचार की लागत को कवर करना चाहिए. इसमें अब सरोगेट मां का मेडिकल ट्रीटमेंट, डिलीवरी और डिलीवरी के बाद की देखभाल का खर्चा शामिल है. यानी अब सरोगेसी पहले से ज्यादा किफायती होगा. इससे पहले सरकार ने सरोगेट मां के लिए तीन साल का स्वास्थ्य बीमा कराना अनिवार्य कर दिया था.
जानिए क्या है सरोगेसी
बीते कुछ वर्षों में सरोगेसी काफी लोकप्रिय हुई है. दरअसल, बड़ी संख्या में लोग संतान पैदा करने से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. ऐसे में सरोगेसी एक बढ़िया विकल्प है, लेकिन यह एक महंगा ट्रीटमेंट है, जिसके चलते कई बार लोग इसे नहीं चुन पाते हैं. सरोगेसी एक ऐसी मेडिकल प्रक्रिया है जहां एक महिला किसी दूसरे व्यक्ति या कपल के लिए गर्भधारण करती है. सरोगेसी के लिए कई नियमों का पालन करना पड़ता है. इरडा के निर्देश के बाद अब सरोगेसी को और बढ़ावा मिलेगा.
कितना आता है खर्च?
सरोगेट मदर की अच्छी देखभाल और रेगुलर चेकअप के साथ उनका खानपान और बच्चे के पैदा होने तक का खर्चा आता है. इसके अलावा, सेरोगेट मदर को भी पैसे दिए जाते हैं. इसमें सेरोगेट मदर के साथ कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खर्चे से संबंधित सभी बातें लिखी हुई होती हैं. हालांकि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी किस तरह के और कितने खर्चे शामिल होंगे, इस बारे में अभी स्पष्ट स्थिति नहीं है.
Published - May 15, 2023, 06:44 IST
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