Two-Wheeler Insurance: यदि आपकी दोपहियां बीमा पॉलिसी समाप्त होने वाली है तो उसे समय के रहते रिन्यू कराना आवश्यक है, क्योंकि भारत में थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस ना होने पर 2,000 रूपये का जुर्माना या 3 महीने तक की जेल हो सकती है. अपने दोपहियां की बीमा पॉलिसी रिन्यू कराते वक्त सभी तरह की शर्तें और नियमों को समझ लेना जरूरी है. आपको अपने वाहन को भी अच्छी तरह से जांच लेना चाहिए और विभिन्न बीमा कंपनियों की ऑफर की तुलना कर लेनी चाहिए. कई लोग टु-व्हीलर बीमा पॉलिसी रिन्यू कराते वक्त कुछ गलतियां करते है, जिसके कारण उन्हें ज्यादा प्रीमियम चुकाने की नौबत आती है या अतिरिक्त लाभ से हाथ धोना पडता है. दोपहियां वाहनो की बीमा पॉलिसी घर बैठे रिन्यू करा सकते है. बीमा कंपनी की वेबसाइट पर जाकर और इलेक्ट्रोनिक मोड से पेमेंट चुका कर यह काम करने से पहले आपको कुछ पहलू पर विचार करना चाहिए.
गलत जानकारी देने से दूर रहेः बाइक पॉलिसी रिन्यू कराते वक्त ज्यादातर लोग गलत विवरण देने की गलती करते है. आपको रजिस्ट्रेशन नंबर, पिछला पॉलिसी नंबर, मालिक का नाम आदि सावधानीपूर्वक टाइप करना चाहिए. गलत जानकारी के कारण आपका बीमा कवर अमान्य हो सकता है.
नो-क्लेम बोनस को भूल न जानाः यदि आप बीमा पॉलिसी अवधि के दौरान कोई भी क्लेम नहीं करते है तो बीमा कंपनी नो क्लेम बोनस प्रदान करती है. अक्सर ग्राहक पॉलिसी रिन्यू कराते समय यह लाभ लेना भूल जाते है. इससे आपको पॉलिसी रिन्यूअल के लिए भुगतान की जाने वाली प्रीमियम राशि में डिस्काउंट मिलता है. आप पॉलिसी की समाप्ति तिथि के 90 दिनों के भीतर नो-क्लेम बोनस का दावा कर सकते हैं, लेकिन बेहतर यही है कि, आप इष्टतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए हमेशा बाइक बीमा पॉलिसी को समाप्ति तिथि से पहले रिन्यू करा ले.
आवश्यकताओं को कवर करेः आपको यह नहीं मान लेना चाहिए कि पॉलिसी की शर्तें स्थिर रहेंगी क्योंकि बीमा कंपनियां सरकारी नीतियों में हुए परिवर्तनों का पालन करने के लिए नियमों और शर्तों को नियमित रूप से संशोधित कर सकते हैं. पॉलिसी रिन्यू करते समय सभी नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें, और सुनिश्चित करें कि यह अभी भी आपकी आवश्यकताओं को कवर करता है.
मुआवजे में क्या मिलेगा यह पता करेः जब आप दावा करते हैं तो मुआवजे के रूप में क्या मिल सकता है उसकी जानकारी रखने से आपको फायदा होगा. बीमा कंपनी के नियम और शर्तों को जान लेने से आपको नए बीमाकर्ता के पास स्विच करने के संबंध में एक सूचित निर्णय लेने में आसनी होगी.
बाइक मोडिफिकेशन की जानकारी देः कुछ मोटरसाइकिल उत्साही अपनी बाइक में मोडिफिकेशन करते हैं. आपको रिन्युअल के समय बीमा कंपनी को इसके बारे में बताना चाहिए. ऐसा करने से दावे की स्थिति में आप विवाद से दूर रह सकेंगे. कई मालिक सोच सकते हैं कि यदि वे संशोधन विवरण प्रदान नहीं करते हैं तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। हालांकि, इस तरह की लापरवाही उनके कवर को अप्रभावी बना सकती है.
ऐड-ऑन आवश्यकताओं का आकलन करेंः ऐड-ऑन कवर से बाइक बीमा पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने मदद मिल सकती है. आप थोडे ज्यादा प्रीमियम से दुर्घटना की स्थिति में भारी खर्चों से बच सकते है. इसलिए, अपनी बाइक के उपयोग और स्थिति के आधार पर पॉलिसी से किस प्रकार के ऐड-ऑन को जोड़ना या हटाना चाहिए इसका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें.
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