अमेरिका में बैंक डूबने की खबरें सुनने के बाद शांति परेशान थीं. नियमित आय के लिए उन्होंने बीमा कंपनी की पेंशन योजना (Pension Plan) में निवेश कर रखा है. शांति को इस बात का डर लगातार सता रहा था कि कहीं भारत में भी ऐसी घटना न हो जाए. अगर उनकी बीमा कंपनी डूब गई तो पेंशन कैसे मिलेगी लेकिन अब उनकी चिंता खत्म हो गई है. पेंशन फंड नियामक PFRDA के चेयरमैन दीपक मोहंती ने पेंशनर्स बड़ी राहत दी है. उन्होंने बीमा कंपनियों से कहा है कि जो गारंटीड पेंशन प्लान के लिए पूंजी की पर्याप्त व्यवस्था रखें. ताकि वह समय पर रिटर्न मुहैया करा सकें.
क्या है योजना?
PFRDA) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने कहा है कि बीमा कंपनियों के लिए पेंशन योजनाओं में न्यूनतम रिटर्न सुनिश्चित करना चाहिए. साथ ही इस रिटर्न के लिए फंड की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए. दरअसल, रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर लोग बिना जोखिम के निश्चित रिटर्न वाले निवेश को चुनते हैं ताकि उन्हें हर महीने एक निश्चित आय होती रहे. पेंशन फंड नियामक के इस बयान के बाद शांति जैसे हजारों सेवानिवृत लोगों ने चैन की सांस ली है.
एनपीएस में हो सकता है सुधार
मोहंती ने कहा है कि एनपीएस (NPS) में सुधार की जरूरत है. इसके निवेशकों को न्यूतम रिटर्न की गारंटी दी जा सकती है. साथ ही इस योजना को और लोकप्रिय बनाने के लिए बेहतर तरीके से डिजाइन किया जा सकता है. बता दें कि मई 2023 के अंत में एनपीएस का कॉर्पस 2.07 लाख करोड़ रुपए था, जो मई, 2022 की तुलना में 29.1% अधिक है. ग्राहकों की संख्या मई, 2023 में 1.33 करोड़ थी जो पिछले साल के इसी समय की तुलना में 13.2% अधिक थी.
कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना बहाल
मोहंती ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना एक बिना अंशदान की स्कीम थी, जबकि एनपीएस एक अंशदान योजना है. बिना अंशदान वाली स्कीम में फंड सुनिश्चित नहीं होता है, जिसे पेंशन स्कीम के लिए अलग से रखा गया हो. पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों का कोई योगदान नहीं था, लेकिन नई योजना में कर्मचारी, नियोक्ता और सरकार जैसे सभी हितधारकों का योगदान है. फ़िलहाल पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य पुरानी पेंशन योजना में लौट आए हैं.