Pradhan Mantri Awas Yojana: भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) का मानना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना को रिलॉन्च करने की जरूरत है. सीआईआई ने कहा कि सभी कर्जदारों के लिए अनिवार्य रूप से जीवन बीमा होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्ज लेने वाले की दिव्यांगता या मृत्यु से योजना प्रभावित ना हो. सीआईआई ने कहा कि इस समय इस योजना के तहत जो लोन दिया जाता है, उसके साथ इंश्योरेंस का प्रावधान नहीं है. इस कारण यह योजना अभी कर्ज लेने वाले की दिव्यांगता या मृत्यु के जोखिम को कवर करने में विफल है.
उद्योग संगठन ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को नए सिरे से पेश कर इसमें अनिवार्य रूप से सभी कर्जदारों के लिए कर्ज से जुड़े जीवन बीमा का प्रावधान जोड़ने की जरूरत है. देश साल 2022 में आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है और सरकार का लक्ष्य है कि सभी को अपना घर मिले. यही कारण है कि पीएमएवाई (PMAY) सरकार का एक महत्वाकांक्षी मिशन है.
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “पीएमएवाई योजना के तहत सभी उधारकर्ताओं के लिए एक अंतर्निहित क्रेडिट-लिंक्ड बीमा या अनिवार्य जीवन बीमा के साथ पीएमएवाई योजना को फिर से लॉन्च करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ‘सभी के लिए आवास’ प्रदान करने का इरादा प्राथमिक उधारकर्ता की मृत्यु या विकलांगता के कारण प्रभावित न हो. परिवार को घर विरासत में मिलना चाहिए लोन नहीं.”
उन्होंने कहा कि किफायती आवास आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, बशर्ते हम उधारकर्ता की असामयिक मृत्यु की मौजूदा बाधाओं और परिवार पर पड़ने वाले बकाया लोन के बोझ को दूर करने में सक्षम हों.”
बनर्जी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है. इस विकट समय में परिवारों का संरक्षण करना काफी महत्वपूर्ण हो गया है. समाज के सभी वर्गों के लोगों को बढ़े हुए स्वास्थ्य खर्चों से जुझना पड़ रहा है. इसके अलावा बेरोजगारी और महंगाई भी लोगों को परेशान कर रही है. PMAY योजना में शुरुआत से ही बीमा का प्रावधान जोड़कर हम एक बड़े जोखिम को कवर कर सकते हैं.
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