Motor Vehicle Accident Fund: सड़क दुर्घटनाओं में लोगों को बेहतर इलाज मिल सके, लोगों को फौरन अस्पताल में भर्ती कराया जा सके, इसके लिए सरकार ने एक योजना तैयार की है. सड़क परिवहन मंत्रालय सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल अस्पताल में भर्ती होने का खर्च प्रदान करने के लिए एक फंड (Motor Vehicle Accident Fund) बनाएगा. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी धन के अभाव में चिकित्सा देखभाल से वंचित न रहे. सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इस सप्ताह इस फंड के निर्माण पर एक नोटिफिकेशन जारी किया है.
टोल या उपयोगकर्ता शुल्क का एक हिस्सा जो कोई एनएच का उपयोग करने के लिए भुगतान करता है, ठेकेदारों और अधिकारियों से वसूला गया जुर्माना, खराब गुणवत्ता वाले काम के लिए दोषी ठहराए गए कांट्रैक्टरों से लिया गया जुर्माना, इन सब का प्रयोग मोटर वाहन दुर्घटना फंड के कॉर्पस बनाने के लिए किया जाएगा.
बीमाकृत वाहन के सड़क दुर्घटना में शामिल होने की स्थिति में, संबंधित बीमा कंपनी द्वारा अस्पताल में भर्ती होने के खर्च की प्रतिपूर्ति (reimbursed) की जाएगी.
हिट-एंड-रन मामलों में बीमा रहित वाहनों से जुड़े एक्सीडेंट में खर्चों का भुगतान इस सरकारी फंड से किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने बताया कि हमें हिट-एंड-रन मामले में जिन वाहनों का बीमा नहीं है उन मामलों के पीड़ितों की मदद करने के लिए एक समाधान खोजने की जरूरत है.
इसलिए जिन वाहनों का बीमा नहीं है दुर्घटना की स्थिति में इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. बीमाकृत वाहन होने पर अगर लापरवाही साबित होती है तो वाहन मालिक को सरकार द्वारा किए गए खर्चों का भुगतान करना होगा.
सड़क दुर्घटना में पीड़ित लोगों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें इसके लिए सरकार अब सड़क दुर्घटना पीड़ितों को 2,50,000 रुपये तक का कैशलेस इलाज मुहैया कराएगी.
पिछले महीने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर दुर्घटना पीड़ितों के कैशलेस उपचार की योजना को लागू करने के लिए एक खाका तैयार किया है.
सरकार ने योजना के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को नोडल एजेंसी के रूप में शामिल किया है जो घायलों के इलाज के लिए अस्पतालों द्वारा किए गए दावों को संसाधित करने के लिए आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) का उपयोग करेगी.
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