कोरोना वायरस महामारी के इस दौर ने जीवन बीमा (Life Insurance) के महत्व को कई गुना बढ़ा दिया है. इस दौर में हर किसी के लिए जीवन बीमा लेना जरूरी हो गया है. यह अनहोनी हो जाने पर परिवार को वित्तीय संकट में जाने से बचाता है और उसे आर्थिक मदद प्रदान करता है. देखने में आया है कि जीवन बीमा को लेकर लोगों में कुछ मिथक हैं. इन मिथकों का टूटना जरूरी है. आज हम इन्हीं मिथकों की चर्चा करेंगे.
क्या युवा लोगों को नहीं है जीवन बीमा की जरूरत?
बहुत से युवा कहते हैं कि वे जवान हैं, सिंगल हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं, तो उन्हें जीवन बीमा की क्या जरूरत है. यहां लोगों को समझना चाहिए कि लाइफ इंश्योरेंस एक ऐसा उत्पाद है, जिसे आपको आवश्यकता से पहले खरीदना होता है. चाहे आप सिंगल हों या युवा, लेकिन यह संभव है कि आपके ऊपर कुछ जिम्मेदारियां होंगी. मान लीजिए कि आपने एक एजुकेशन लोन लिया है और आपकी मृत्यु हो जाती है, तो आपके अभिभावक पर इस लोन का कितना भार आ जाएगा. इसलिए यह जरूरी है कि जल्द से जल्द जीवन बीमा पॉलिसी ली जाए, जिससे परिजनों को विकट परिस्थिति में वित्तीय संकट से बचाया जा सके.
परिवार में जो कमाता है, उसी के जीवन बीमा से चल जाएगा काम?
लोग सोचते हैं कि परिवार में जो व्यक्ति सबसे अधिक कमाता है, सिर्फ उसी के लिए Life Insurance जरूरी है. देखा गया है कि कई परिवारों में सिर्फ उसी व्यक्ति के पास जीवन बीमा होता है, जो कमाता है. यह सही है कि परिवार में सबसे अधिक कमाने वाले व्यक्ति के लिए जीवन बीमा आवश्यक है, क्योंकि उसके न होने पर परिवार के जीवन यापन के लिए संकट खड़ा हो जाएगा. लेकिन परिवार के अन्य लोगों के लिए भी जीवन बीमा जरूरी है, भले ही वे ना कमाते हों.
मान लीजिए अगर आप कमाने वाले हैं और आपके माता-पिता या किसी अन्य परिजन की मृत्यु हो जाती है, तो आप सभी खर्चों के कैसे संभाल पाएंगे? हो सकता है कि आपको घर के कार्यों के लिए कोई नौकर रखना पड़े. अपने परिजनों का जीवन बीमा करा आप इस जोखिम से बच सकते हैं. बाजार में संयुक्त जीवन बीमा पॉलिसीज (Joint Life Insurance Policies) के कई प्लान मौजूद हैं.
क्या नियोक्ता द्वारा प्रदान किये गए जीवन बीमा से चल जाएगा काम?
कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा जो Life Insurance Policy मिली होती है, उसका स्वामित्व व कंट्रोल नियोक्ता के हाथ में होता है, ना कि आपके हाथ में. अगर आपका नियोक्ता बेनिफिट्स को रद्द या कम करता है, तो सीधा आपका नुकसान होगा. जॉब बदलने की स्थिति में भी आप बिना कवरेज के या अपर्याप्त कवरेज के रह सकते हैं. आपके नियोक्ता द्वारा कराये गए जीवन बीमा की राशि भी काफी कम होती है, जो कि अच्छी बात नहीं है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि व्यक्ति को अपनी सालाना आय की 5 से 8 गुना राशि का जीवन बीमा लेना चाहिए. इसके लिए आपको अलग से जीवन बीमा पॉलिसी लेने की जरूरत पड़ेगी।
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