कुछ साल पहले तक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां दलालों और एजेंट्स के जरिए ऑफलाइन खरीदी जाती थी. लेकिन अब ज्यादातर ग्राहक लाइफ कवर और इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदते हैं. ऑनलाइन पॉलिसी खरीदना, क्विक और सुरक्षित विकल्प होता है. कोरोना महामारी के आने के बाद, इंश्योरेंस कंपनियों ने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए डिजिटल तरीका अपनाया है. देश में एलआईसी सहित कई इंश्योरेंस कंपनियां ऑनलाइन खरीददारी पर काफी छूट का ऑफर देती हैं. ग्राहकों के लिए पॉलिसी की ऑनलाइन खरीददारी एक सुरक्षित, आरामदायक और बेहतर विकल्प है.
ऑनलाइन लाइफ इंश्योरेंस खरीदते वक्त हमें कुछ खास बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसमें कुछ ऐसे नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है वरना आपको क्लेम के वक्त परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जानिए वो कौन सी बातें हैं, जो ऑनलाइन लाइफ इंश्योरेंस खरीदते वक्त हमें ध्यान रखनी चाहिए.
रिसर्च करें
अगर आप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए रिसर्च बेहद जरूरी है. इससे आपको सबसे बेहतर हेल्थ कवर खरीदने में मदद मिलती है. इसके साथ ही आपको यूलिप पॉलिसी की नियम-शर्तें, सरेंडर वैल्यू और शुल्क आदि की जानकारी हो जाती है.
तुलना करें
लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां बीमा ग्राहकों को कई तरह की पॉलिसियां ऑफर करती हैं. इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि बाजार में अलग अलग प्रोडक्ट्स या पॉलिसियों की तुलना की जाए. कोई भी नई पॉलिसी खरीदने से पहले बाजार में मौजूद दूसरी पॉलिसी से तुलना जरूर करें.
सही जानकारी
जब आप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें तो जरूरी है कि सभी नियम, मेडिकल इतिहास, लाइफ स्टाइल आदि की जानकारी दें. ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त किसी भी बीमारी को लेकर जानकारी छिपाएं नहीं. ऐसा करने पर आपको क्लेम के समय परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
क्लेम सैटलमेंट अनुपात की जांच करें
किसी भी इंश्योरेंस कंपनी के बारे में जानकारी देने के लिए क्लेम सैटलमेंट अनुपात पता होना जरूरी है. कंपनियों का क्लेम सैटलमेंट अनुपात कंपनी द्वारा निपटाए गए ग्राहकों के कुल क्लेम के आधार पर तय होता है. पॉलिसी खरीदने से पहले, आपको दूसरे ग्राहकों के क्लेम सैटलमेंट के अनुभवों को जरूर जानना और रिसर्च करना चाहिए. ये भविष्य में आपके लिए ही एक बेहतर फैसला साबित होगा.
इसे जांचने का एक तरीका दावा निपटाने का अनुपात है. किसी कंपनी का सैटलमेंट क्लेम अनुपात ज्यादा है तो इसका मतलब है कि उनसे ग्राहकों के क्लेम का ज्यादा से ज्यादा भुगतान किया है. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के मुताबिक, जिन कंपनियों का क्लेम सैटलमेंट अनुपात 95 फीसदी से ज्यादा है तो उस बाजार में अच्छा माना जाता है. इससे साफ होता है कि कंपनी ने अपने ग्राहकों के क्लेम को अच्छे से सैटल किया है.
बेहतर राइडर्स चुनें
लाइफ इंश्योरेंस खरीदते वक्त बेस पॉलिसी के साथ प्रमुख राइडर्स का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होता है. बेसिक इंश्योरेंस पॉलिसी में अतिरिक्त कीमत अदा करके अतिरिक्त कवर वाला राइडर चुना जा सकता है. ऐसा करने से आपको पॉलिसी के तहत कई तरह की अतिरिक्त सुविधाएं मिल जाती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, अपने राइडर का चुनाव अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से करें.
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