Life Insurance Policy: कोरोना महामारी ने दिखाया है कि जीवन बीमा की भूमिका हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञ हर साल जीवन बीमा पॉलिसी की नये सिरे से समीक्षा करने की सलाह देते हैं. नया घर खरीदने, शादी करने, बच्चे होने या नौकरी बदलने पर परिवार की सुरक्षा के बारे में नये सिरे से विचार करने की जरूरत पड़ती है. जीवन बीमा का मुख्य उद्देश्य परिवार को आकस्मिक स्थिति में सुरक्षा देने का है. परिवार के कमाने वाले सदस्य की मौत के बाद जीवन बीमा से आर्थिक मदद मिलती है. इसलिए हर शख्स को अपनी जीवन बीमा पॉलिसी की समीक्षा करते वक्त छह चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए.
हर महीने आप अपना बजट तैयार करते हैं उसमें जीवन बीमा के प्रीमियम का भी हिस्सा होता है. जीवन बीमा का कवरेज आपकी हर महीने की कमाई का कम से कम एक हजार गुना ज्यादा होना चाहिए.
अगर आप वर्तमान में बीस हजार खर्च कर रहे हैं तो आपको कम से कम 20,000 गुना 1000 यानी दो करोड़ का जीवन बीमा कराना चाहिए.
अगर आप इस फार्मूले के मुताबिक काम नहीं कर रहे तब भी आपके जीवन बीमा का कवरेज इतना तो होना ही चाहिए कि आपकी अनुपस्थिति में भी आपका परिवार लगभग पहले जैसा जीवन जी सके.
ऐसे में आपको अपने जीवन बीमा पॉलिसी की समय समय पर समीक्षा करते रहना चाहिए.
जीवन में हर बड़े बदलाव के साथ जीवन बीमा पॉलिसी में भी उसी अनुपात में बदलाव करना जरूरी हो जाता है. दूसरी पॉलिसी की तरह जीवन बीमा की रणनीति में भी लगातार बदलाव करने की सलाह दी जाती है.
देखा गया है कि व्यक्ति के जीवनशैली में बदलाव के साथ जीवन बीमा की जरूरतों में भी बदलाव आता है.
सामान्य जीवन बीमा पॉलिसी के साथ आजीवन बीमा, विदेशों में भी बीमा, कैंसर, दुर्घटना के अलावा अत्याधुनिक इलाज के लिए अतिरिक्त कवरेज आज आम है.
मौजूदा बीमा पॉलिसी में ये देखना जरूरी होता है कि उनमें ये अतिरिक्त कवरेज हैं या नहीं. अगर नहीं हैं, तो आपको अपने प्लान में सुधार करने की जरूरत है.
शादी होने या बच्चे होने पर मौजूदा बीमा की समीक्षा जरूरी है. परिवार में नये सदस्य का आगमन किसी के जीवन में सबसे बड़ा बदलाव है.
इस बदलाव के हिसाब से लोगों को जीवन बीमा पॉलिसी के जरूरत मुताबिक प्रीमियम बढ़ाना चाहिए. जानकार बताते हैं कि जैसे जैसे आपका परिवार बढ़ता है, प्रीमियम की राशि बढ़ाने में समझदारी है.
वक्त के साथ आय में परिवर्तन होता है. इसके साथ ही वित्तीय स्थिति में भी बदलाव आता है. अगर प्रमोशन मिले या सैलरी बढ़े तो लोगों को अपने वित्तीय निर्णय में बदलाव की जरूरत होती है.
नौकरी बदलने या सैलरी बढ़ने पर आपको अपने जीवन बीमा पॉलिसी की समीक्षा करनी चाहिए ताकि आप अगर नहीं हों तो भी आपके परिजनों के जीवन स्तर में कोई कमी नहीं आए.
किसी के जीवन में वित्तीय प्रबंधन महत्वपूर्ण होता है. हर साल के अंत में किये जा रहे निवेश की समीक्षा बुद्धिमानी भरा निर्णय होता है. स्वास्थ्य हो, जीवन बीमा हो या वाहन का इंश्योरेंस, किसी भी बदलाव की स्थिति में इनकी समीक्षा हर नये साल में होनी चाहिए.
आपका मुख्य लक्ष्य किसी हाल में नहीं बदलना चाहिए. आप जब नहीं हो तब आपके परिवार को हर हाल में पूरी सुरक्षा मिले.
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