भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के व्यक्तिगत वार्षिक प्रीमियम समकक्ष (APE) में 45 प्रतिशत की भारी गिरावट ने जनवरी में उद्योग की वृद्धि को आठ प्रतिशत पर सीमित कर दिया. जीवन बीमा क्षेत्र की शीर्ष कंपनी एलआईसी (LIC) के एपीई (APE) में जनवरी 2021 में 45 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखने को मिली. इसका कारण जनवरी 2020 में 99 प्रतिशत की वृद्धि का उच्च तुलनात्मक आधार है.
कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में जीवन बीमा उद्योग के ये व्यक्तिगत एपीई (APE) में आठ प्रतिशत की वृद्धि दिसंबर के तीन प्रतिशत से और नवंबर की सात प्रतिशत की गिरावट की तुलना में काफी बेहतर है.
रिपोर्ट में कहा गया कि व्यक्तिगत व्यवसाय में तेजी यूलिप (ULIP) की मांग में धीरे-धीरे वृद्धि का संकेत देती है.
आलोच्य माह के दौरान, एलआईसी (LIC) के एपीई (APE) में 45 फीसदी की गिरावट देखी गयी. निजी क्षेत्र की एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) ने 24 प्रतिशत वृद्धि के साथ अगुवाई की। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Prudential) के कारोबार में 7 फीसदी की गिरावट देखी गयी। एसबीआई लाइफ के मामले में एक प्रतिशत की वृद्धि रही.
LIC IPO की है तैयारी
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC में सरकार डिसइन्वेस्टमेंट करेगी यानि हिस्सा बेचेगी. इस बार के बजट में ये वित्त मंत्री के सबसे बड़े ऐलानों में शामिल था. लेकिन अगर सरकार हिस्सा बेचकर रकम जुटाएगी तो इससे पॉलिसी होल्डर्स (Policy Holders) का क्या लेना देना? बिल्कुल है जी. पॉलिसी होल्डर्स के दम पर ही कंपनी की ग्रोथ है और इसी लिहाज से सरकार एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) में 10 फीसदी हिस्सा पॉलिसी होल्डर्स (Policy Holders) के लिए रिजर्व रख सकती है.
सरकार ने 2021-22 के वित्त वर्ष में ही एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) लाने का ऐलान किया है. अगर आपके पास भी पॉलिसी है तो आपके पास भी मौका है कि इस रिजर्वेशन का फायदा उठाएं और LIC जैसी दिग्गज इंश्योरेंस कंपनी के शेयरों में ग्रोथ पर दांव लगा सकें.
PTI इनपुट के साथ
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