जीवन बीमा किसी भी फाइनेंशियल प्लानिंग का पहला कदम माना जाता है. निवेश से पहले जरूरी है परिवार की आर्थिक सुरक्षा ताकि आपके बाद उन्हें पैसों का अभाव ना हो. लेकिन अकसर भारत में लोग लाइफ इंश्योरेंस इसलिए लेने से भी कतराते हैं क्योंकि वे इसे खर्च समझते हैं – पॉलिसी के लिए भरे प्रीमियम पर कोई रिटर्न या ये पैसे वापस ना मिलने की सोच उन्हें पॉलिसी खरीदने से रोकती है. इसी कड़ी का हल निकालते हुए लाइफ कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने एक खास पॉलिसी लॉन्च की है – LIC बचत प्लस (LIC Bachat Plus).
नाम के मुताबिक ही इस पॉलिसी में सुरक्षा के साथ सेविंग भी है. पॉलिसी की मैच्योरिटी से पहले अगर पॉलिसी होल्डर की मौत हो जाती है तो उनके परिवार को आर्थिक मदद मिलेगी. वहीं मैच्योरिटी के बाद पॉलिसी होल्डर को एकमुश्त रकम मिलेगी. इस पॉलिसी के लिए आप एक बार में ही प्रीमियम (Single Premium) जमा करा सकते हैं या फिर 5 साल की सीमित अवधि तक प्रीमियम भर सकते हैं. ये किस्त आप हर साल, हर छमाही, तिमाही या हर महीने भर सकते हैं.
LIC Bachat Plus: प्रीमियम अदा करने में देरी पर 30 दिन का ग्रेस पीरियड भी दिया जाएगा. हालांकि ध्यान रहे कि ग्रेस पीरियड खत्म होने के बाद भी अगर प्रीमियम नहीं भरा तो पॉलिसी लैप्स हो जाएगी और कोई फायदा नहीं मिलेगा. प्रीमियम देने के दोनों विकल्पों में सम एश्योर्ड ऑन डेथ सुविधा मिलेगी. अगर पॉलिसी को 5 साल हो चुके हैं लेकिन मैच्योरिटी नहीं हुई, तो सम एश्योर्ड के साथ ही लॉयल्टी एडिशन भी मिलेगा.
पॉलिसी की मैच्योरिटी पर सम एश्योर्ड ऑन मैच्योरिटी के साथ लॉयल्टी एडिशन भी मिलेगा. सम एश्योर्ड ऑन मैच्योरिटी वहीं रकम है जो बेसिक सम एश्योर्ड तय की गई है.
LIC बचत प्लस में निवेश के लिए आप ऑफलाइन किसी इंटिमीडियरी या एजेंट के जरिए निवेश कर सकते हैं या फिर ऑनलाइन www.licindia.in से भी खरीदा जा सकता है. पॉलिसी पर इनकम टैक्स सेक्शन 80C के तहत छूट भी ले सकते हैं.
पॉलिसी के लिए न्यूनतम बीमा राशि 1 लाख रुपये की है जबकि इसके लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है. LIC बचत प्लस (LIC Bachat Plus) पर पॉलिसी होल्डर जरूरत पड़ने पर कर्ज भी ले पाएगा.
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