होम लोन लॉन्ग टर्म के लिए प्रतिबद्धता देता है. होम लोन (Home Loan) को 25 से 30 साल तक बढ़ाया जा सकता है. हम जानते हैं कि जिंदगी अनिश्चितताओं से भरी हुई है. होम लोन लेने वाले शख्स की अगर मौत हो जाती है तो कर्ज का बोझ लोन धारक पर आश्रित परिवार पर आ जाता है. इसलिए होम लोन इंश्योरेंस आज के दौर की जरूरत हो गया है. होम लोन इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस के जैसे सुरक्षा देता है. इस इंश्योरेंस के तहत लोन री-पेमेंट की अवधि तक कवर किया जा सकता है.
लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के खत्म होते ही इंश्योरेंस कवर भी साथ में समाप्त हो जाता है. लोन अवधि के दौरान अगर होम लोन लेने वाले शख्स की मौत हो जाती है तो परिवार के लोग इंश्योरेंस क्लेम करके लोन के अमाउंट को चुका सकते हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादातर होम लोन इंश्योरेंस स्कीम वन टाइम प्रीमियम पेमेंट विकल्प के साथ मिलती हैं. ग्राहक के पास इस इंश्योरेंस की रकम को कुल लोन अमाउंट में शामिल करने का विकल्प भी होता है.
होम लोन लेने वक्त भी आप होम लोन इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं. आप जिस बैंक से होम लोन करा रहे हैं, उनके पास इंश्योरेंस देने की सुविधा भी होती है. कई मामलों में ये होम लोन के साथ ही मिलता है.
कई होम लोन इंश्योरेंस कंपनियां ग्राहकों को इंश्योरेंस के कई राइड प्लान भी ऑफर करती है. इससे बुनियादी योजनाओं के कवर लाभ का फायदा भी मिलता है. इस होम लोन प्रोटेक्शन प्लान में बीमारी से निधन, एक्सीडेंट में मौत, बेरोजगारी और विकलांगता में आर्थिक मदद का ऑप्शन भी मिलता है.
होम लोन को आप किसी भी साधारण इंश्योरेंस कंपनी या किसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से भी ले सकते हैं. आम तौर पर साधारण इंश्योरेंस वाली कंपनियों के साथ हर साल इसको रिन्यू कराना पड़ता है. लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां लंबी अवधि के होम लोन के विकल्प देती हैं.
होम लोन इंश्योरेंस को गलती या अचानक नहीं खरीदना चाहिए. इसे खरीदने से पहले इससे जुड़ी तमाम जानकारियों को पढ़ना और अपनी जरूरतों के हिसाब से समझना बेहद जरूरी है.
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