भारतीय मिडिल क्लास के लिए कई बार मेडिकल खर्च को उठाना कठिन हो जाता है. कोविड-19 के बाद तो हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर जागरुकता में काफी इजाफा हुआ है. वैसे तो बाजार में बहुत तरह के हेल्थ प्लान (Health Plan) मौजूद हैं. इसलिए, विभिन्न हेल्थ प्लान (Health Plan) की विशेषताओं और उनमें मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी बहुत जरूरी हो जाती है. कई बार तो लोग फैमिली फ्लोटर और क्रिटिकल इलनेस से जुड़ी सुविधाओं के बारे में जानते भी नहीं. हालांकि, ऐसे कई प्लान हैं जो किफायती दरों में व्यक्ति की जरूरतों को पूरा करते हैं. उन्हीं में से एक डेली हॉस्पिटल कैश प्लान भी शामिल हैं.
ऐसा प्लान जो अस्पताल के रोजाना के खर्च के लिए एक तय राशि मुहैया कराता है, उसे डेली हेल्थ प्लान कहते हैं. इसमें रुम सेंट, डॉक्टर की फीस और दूसरे शुल्क से कोई ताल्लुक नहीं होता. पॉलिसीधारक के द्वारा चुने गए विकल्प के मुताबिक उसे रोजाना एक निश्चित अमाउंट दे दिया जाता है.
इसमें इलाज के कुल खर्च को नहीं देखा जाता, बल्कि अस्पताल में बिताए दिनों की संख्या के हिसाब से भुगतान किया जाता है. बाजार में मौजूद विभिन्न प्लान के तहत, 500 रुपए से 2000 रुपए प्रतिदिन की सुविधा लेने के विकल्प हैं. यदि बीमित व्यक्ति आईसीयू में है तो यह राशि दोगुनी हो जाती है. कुछ प्लान ऐसे भी हैं जो सर्जरी की स्थिती में अतिरिक्त राशि कवर करते हैं.
वैसे तो हेल्थ इंश्योरेंस बहुत से मेडिकल खर्च को कवर करता है, किंतु कुछ खर्च ऐसे होते हैं जिन्हें कंपनियां स्वीकार नहीं करतीं. इनमें सर्जिकल उपकरण, एक्सरे खर्च या कुछ अन्य खर्च शामिल होते हैं. डेली हेल्थ प्लान में आपको दिन के हिसाब से एक निश्चित राशि मिल जाती है, जिसे आप अपनी सुविधा के अनुसार खर्च कर सकते हैं. यदि परिवार का कमाऊ सदस्य ही अस्पताल में हो तो इस प्लान में काफी राहत मिल जाती है. दूसरी खास बात है, इसमें छोटे-मोटे खर्चों के लिए अपने प्रायमरी हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम नहीं करना पड़ता.
कई कंपनियां डेली हेल्थ प्लान उपलब्ध करा रही हैं और सबसे प्रीमियम अलग-अलग हैं. एसबीआई के जनरल हॉस्पिटल डेली कैश इंश्योरेंस पॉलिसी में 30 दिनों के लिए 500, 1000, 1500, और 2000 रुपए रोजाना का लाभ मिलता है. यदि आपने 2000 रुपए रोजाना का विकल्प चुना है तो आपको करीब 882 रुपए प्रति माह प्रीमियम देना होगा. यदि पूरे परिवार (4 सदस्य) को कवर किया गया है तो यह प्रीमियम 1,764 रुपए मासिक होगा.
बांझपन की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने पर इस प्लान के तहत क्लेम नहीं किया जा सकता. बच्चे के जन्म होने पर मैटरनिटी क्लेम भी नहीं किया जा सकता. ऐसे मिसकैरिएज को भी इसमें शामिल नहीं किया जाता. इसी तरह कुछ अन्य बीमारियों में भी ये प्लान सुरक्षा कवर उपलब्ध नहीं कराते.
तमाम, फायदों के बीच यह ध्यान रखें यह आपका मुख्य हेल्थ इंश्योरेंस नहीं होना चाहिए. पूरी तरह से इसी पर निर्भर नहीं होना चाहिए. यह आपके मुख्य हेल्थ प्लान का सहयोगी प्लान होना चाहिए.
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