आप हेल्थ इंश्योरेंस क्यों खरीदते हैं? इसका आसान जवाब है कि मेडिकल इमरजेंसी के दौरान इलाज में होने वाले बड़े खर्चों से बचाव के लिए. यही कारण है कि लोगों को कैशलेस क्लेम पॉलिसी लेने की सलाह दी जाती है. हालांकि इंश्योरेंस पॉलिसी में कैशलेस इलाज की सर्विस उन्हीं अस्पतालों में संभव है, जो पॉलिसी नेटवर्क के तहत आते हैं. क्या रिम्बर्समेंट क्लेम सेटल करना कठिन काम है? मनी9 ने दिए इन्हीं सवालों के जवाब.
मेरे पास एक हेल्थ पॉलिसी है, जो एक प्राइवेट बैंक के एजेंट के जरिए मैंने खरीदी थी. इस पॉलिसी का हेल्थ कवर 3 लाख और बोनस कवर 1.5 लाख रुपये है. हाल ही में मुझे अपेंडिक्स की सर्जरी कराने की सलाह दी गई है. मैं अपने हेल्थ इंश्योरेंस का इस्तेमाल करना चाहती हूं लेकिन मुझे क्लेम करने का अनुभव नहीं है. जहां मैं ऑपरेशन कराना चाहती हूं, वहां कैशलेस सुविधा नहीं है. इस केस में मुझे क्या करना चाहिए? क्या मैं आसानी के साथ अपना क्लेम सेटल करवा सकती हूं?
– नंदिता अवस्थी
हमने इसको लेकर प्रोबस इंश्योरेंस के डायरेक्टर राकेश गोयल से बात की उन्होंने बताया कि कैशलेस सुविधा नहीं होने पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप सर्जरी के खर्च का भुगतान करने के बाद रिम्बर्समेंट क्लेम कर सकती हैं. जब आप क्लेम फाइल करेंगी तो आपको सभी बिल, मेडिकल रिकॉर्ड्स और इलाज के कागज जमा कराने होंगे. इंश्योरेंस कंपनी बिल और तमाम कागजों की जांच के बाद पैसे को आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर देगी. आज के दौर में क्लेम सैटलमेंट में ज्यादा टाइम नहीं लगता है लेकिन आपके पास पूरे कागज होने जरूरी हैं.
हालांकि, ये जरूरी है कि मरीज के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के सात दिनों के अंदर आप क्लेम की प्रक्रिया को शुरू कर दें. आप इंश्योरेंस कंपनी के संपर्क में रह सकते हैं, जहां से आपने इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदी है. इसके लिए आपको इंश्योरेंस कंपनी को बिल, प्रिस्क्रिप्शन, डिस्चार्ज समरी और दूसरी जरूरी कागज रिम्बर्समेंट हासिल करने के लिए जमा कराने होंगे. इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी आपके डॉक्यूमेंट्स, खर्च और क्लेम की जांच करेगी. इन सब की जांच के बाद आपको रिम्बर्समेंट मिल जाएगा. आमतौर पर प्रक्रिया के लिए सामान्य टर्नअराउंड समय सभी दस्तावेजों की प्राप्ति की तारीख से 20-30 दिनों की होती है. दस्तावेजों को वेरीफाई करने और यह देखने की जरूरत है कि इलाज प्रक्रिया के दौरान जारी कोई दस्तावेज गायब तो नहीं है क्योंकि ऐसा होने पर क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. ये ध्यान रखने वाली बात है कि इंश्योरेंस कंपनी किसी भी जरूरी कागज या टर्म और कंडीशन के पूरा नहीं होने पर रिम्बर्समेंट नहीं जारी करती है.
पॉलिसीहोल्डर को चाहिए कि वो याद रखें पॉलिसी में एक्सक्लूजन की एक शर्त होती है. इसके मुताबिक इलाज के दौरान होने वाला सारा खर्च इंश्योरेंस कंपनी नहीं उठाती है. इसलिए क्लेम करते वक्त उस हिस्से को शामिल न करें जो पॉलिसी के तहत नहीं आता है वरना आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है.
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