बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस लेने से कतराते हैं. लोगों मन में डर होता है कि इलाज कराने पर क्लेम कौन दिलाएगा. एजेंट से बीमा लिया तो कम से कम क्लेम दिलाने में मदद तो करेगा. यही सबसे बड़ी भूल है कि अगर एजेंट से इंश्योरेंस लिया तो क्लेम मिलना आसान होगा जबकि ऑनलाइन खरीदने पर कोई सुनने वाला नहीं होगा. क्लेम इंश्योरेंस कंपनी देती है न कि एजेंट. फिर चाहे वो ऑनलाइन खरीदा जाए या ऑफलाइन. बस आपको तरीके से ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना आना चाहिए. किन फीचर्स और बातों को चेक करें ये जानिए. इससे पहले ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस के मार्केट को समझते हैं.
मार्केट रिसर्च एजेंसी Mordor Intelligence की रिपोर्ट बताती है कि भारत में ऑनलाइन इंश्योरेंस का कारोबार साल 2023 में 92.60 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. साल 2028 तक यह 120.05 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा. देश में ऑनलाइन कारोबार सालाना 5 फीसद से ज्यादा (5.23%) तेजी से बढ़ रहा है.
भारत में 30 इंश्योरेंस कंपनियां हेल्थ पॉलिसी बेच रही हैं. इनमें से 25 जनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं जबकि 5 कंपनियां ऐसी हैं जो सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस बेच रही हैं. इन कंपनियों के बाजार में सैकड़ों हेल्थ प्लान हैं. अगर ऑफलाइन पॉलिसी खरीद रहे हैं तो कुछ ही पॉलिसियों के बारे में छानबीन कर सकते हैं. ऑनलाइन ऑप्शन में आप चंद मिनटों में ही सैकड़ों पॉलिसियां देख सकते हैं.
ऑनलाइन प्रोसेस में आपने जो पॉलिसी शार्टलिस्ट की हैं. उनके बारे में इंश्योरेंस एग्रीगेटर, इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर पर पता करें. अलग-अलग इंश्य़ोरेंस पॉलिसियों की तुलना किए बगैर न खरीदें. आपको देखना चाहिए किस पॉलिसी में क्या कवर हो रहा है और क्या नहीं. वेटिंग पीरियड की क्या स्थिति है. क्लेम सेटलमेंट रेशियो में कौन-सी कंपनी आगे है. ऑनलाइन इंश्योरेंस लेने का एक फायदा ये भी है कि हेल्थ पॉलिसी के साथ आपको कई सारे राइडर्स का भी एक ही जगह पता चल जाता है. इन्हें आप अपनी जरूरत के हिसाब से ले सकते हैं.
ऑनलाइन इंश्योरेंस खरीदने पर एक्सपर्ट का कहना है जब आप एजेंट के जरिए कोई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं तो उस पर निर्भर हो जाते हैं. और उसकी कही बातों को ही सही मान लेते हैं. जबकि ऑनलाइन इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको अपनी रिसर्च खुद करनी होती है. इससे आपको पॉलिसी के सारे फीचर्स की जानकारी बेहतर तरीके से हो जाती है.
आप ऑनलाइन या एजेंट किसी से भी पॉलिसी खरीदें क्लेम के लिए आपको TPA यानी Third Party Adminstration के पास ही जाना होगा. टीपीए पॉलिसी होल्डर और इंश्योरेंस कंपनी के बीच ब्रिज का काम करता है… इसका मुख्य काम क्लेम और सेटलमेंट के प्रोसेस में मदद करना है… आपके पास जो मेडिकल कार्ड है वो भी TPA ही देता है. जिसकी मदद से आप कैशलैस ट्रीटमेंट करवाते हैं. इलाज से जुड़े खर्च के सारे कागज आपको TPA को सौंपने होते हैं. ये काम अब ऑनलाइन भी होता है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब ऑनलाइन इंश्योरेंस सर्च करते हैं तो आपका फोन नंबर इंश्योरेंस कंपनियों के पास पहुंच जाता है. तो आपको उनके सेल्स एजेंट फोन करने लगते हैं. वो महज सेल्स एजेंट हैं इंश्योरेंस एक्सपर्ट नहीं. उनके बोलने पर इंश्योरेंस नहीं खरीदें. अगर आपको किसी तरह का ऑफर फोन पर दिया जाए है तो उसे लिखित में मांग लें.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आपको ऑनलाइन पॉलिसी खरीदनी है तो उसे खुद अपनी जरूरतों पर कस कर देखना होगा. पॉलिसी से जुड़ी Terms & Conditions को ध्यान से पढ़ें और समझें. पॉलिसी खरीदते समय हमेशा सब-लिमिट और को-पेमेंट जैसे क्लॉज को पढ़कर जरूर समझ लें क्योंकि ये जेब से पैसे खर्च करवा सकते हैं.
जैसे की सब-लिमिट में बीमा कंपनियां कई मामलों में इलाज और प्रोसीजर का खर्च तय कर देती हैं. इससे ऊपर का बिल अपनी जेब से भरना होगा. को-पेमेंट के क्लॉज में इलाज के बिल का एक हिस्सा आपको खुद देना होता है. हालांकि ये क्लॉज लगने से आपका प्रीमियम काफी कम हो जाता है. लेकिन क्लेम के समय ये क्लॉज आपको भारी पड़ सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदें या ऑफलाइन प्रोडक्ट और फीचर सेम रहेंगे. बस, आपको अच्छी तरह से होमवर्क करना है. जो फीचर्स आप चाहते हैं अगर वो ऑपकी पॉलिसी में हैं तो ऑनलाइन बीमा खरीद सकते हैं. ऑफलाइन की तुलना में इसका प्रीमियम भी कम चुकाना होगा. क्योंकि वहां आपको डिस्काउंट मिल जाता है. जहां तक क्लेम अटकने की बात है तो ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मामलों में आपको TPA के पास ही जाना होगा. इसलिए ऑनलाइन इंश्योरेंस खरीदने में क्लेम को लेकर डरने की कोई जरूरत नहीं है.
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