बीमा नियामक इरडा ने सोशल मीडिया पर बीमा से जुड़ी भ्रामक पोस्ट को लेकर कड़ा रुख अपनाया. ग्राहकों को ठगी बचाने के लिए नियामक बीमा कंपनी से कहा है कि वह अपने कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया से जुड़े दिशानिर्देश जारी करें. जो कर्मचारी फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैस मंच से जुड़े हैं उन्हें अपनी पोस्ट जारी करने से पहले सतर्कता बरतनी चाहिए. अगर कोई कर्मचारी कंपनी की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं करता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इरडा ने बीमा कंपनियों को जारी ताजा दिशनिर्देशों में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सोशल मीडिया के इन मंचों के जरिए संगठन से संबंधित कोई भी गैर प्रमाणित या गोपनीय जानकारी सार्वजनिक न की जाए. सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें प्रकाशित होने पर बीमा ग्राहकों को नुकसान होने की आशंका रहती है.
बीमा नियामक का कहना है कि किसी कंपनी या संगठन की प्रतिष्ठा उसके कर्मचारियों के व्यवहार से काफी हद तक जुड़ी हुई है इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल इस तरह किया जाना चाहिए जिससे कंपनी के व्यवसाय में मूल्यवर्धन हो. इस संबंध में इरडा ने सभी बीमा कंपनियों को सूचना और साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें सोशल मीडिया के स्वीकार्य उपयोग पर जोर दिया गया है.नियामक ने कहा है कि कर्मचारियों को सोशल साइट नेटवर्क पर किसी भी अपुष्ट या गोपनीय सूचना को साझा करने से बचना चाहिए. इरडा ने यह भी कहा कि इंटरनेट पर व्यक्तिगत पोस्ट में करते समय व्यक्तियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ये उनके विचार हैं और कंपनी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.
क्यों पड़ी जरूरत?
बीमां कंपनियों से जुड़े बड़ी संख्या में कर्मचारी खुद या अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम से एजेंट के रूप में कार्य करते हैं. ग्राहकों को लुभाने के लिए वह सोशल साइट पर कई बार भ्रामक सूचनाएं पोस्ट कर देते हैं. चूंकि वह कंपनी से सीधे जुड़े हैं इसलिए ग्राहक उन पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं. इस बीच ग्राहकों को ऐसे प्रोडक्ट भी बेच दिए जाते हैं जो उनके काम के नहीं होते. इस तरह की शिकायतें आने के बाद इरडा ने कर्मचारियों के लिए दिशानिर्देश जारी करने का कदम उठाया है. नियामक की इस पहल से ग्राहकों के हितों की सुरक्षा होगी.
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