अब देश के हर कोने में बीमा की सुविधा पहुंचेगी. आने वाले समय में देश में बीमा योजनाओं के वितरण के लिए नए तरीके के चैनल भी स्थापित किए जाएंगे. भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने गुरुवार को दिशानिर्देश जारी किए हैं. इस गाइडलाइन में कॉरपोरेट बीमा वाहक और व्यक्तिगत बीमा वाहक का प्रस्ताव दिया गया है ताकि बीमा योजनाओं की गांव–गांव तक पहुंच बनाई जा सके.
क्या है प्रस्ताव?
मसौदे के अनुसार कॉरपोरेट बीमा वाहक बीमा कंपनी की तरफ से नियुक्त किए जाएंगे. इन्हें नियम–कानूनों की बारीकी जानकारी होगी. इसी आधार इनकी नियुक्ति की जाएगी. व्यक्तिगत बीमा वाहक को बीमा कंपनी या कॉरपोरेट बीमा वाहक नियुक्त करेगा. दोनों बीमा वाहक बीमा कंपनी की तरफ से जारी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे. इसके अलावा, केवाईसी और अन्य दस्तावेजों और दावों से संबंधित सेवाओं के मामलों को देखने के लिए भी अधिकृत होंगे.
क्या है उद्देश्य?
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने इस प्रस्ताव पर 22 जून तक संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे हैं. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक बीमा कंपनी व्यक्तिगत बीमा वाहक और कॉरपोरेट बीमा वाहक के जरिए केवाईसी और मनी लांड्रिंग निरोधक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेगी. बीमा को आसान बनाने के लिए प्रत्येक बीमा कंपनी को पॉलिसीधारकों के लिए प्रीमियम भुगतान के नए–नए विकल्प देने होंगे.
महिलाओं पर विशेष जोर
बीमा वाहक ग्राम पंचायतों तक बीमा पहुंचाने और उसके बारे में जागरूक करने का कार्य करेंगे. नियामक ने बीमा वाहकों की नियुक्ति में महिलाओं को वरीयता देने के लिए कहा है. इसके पीछे इरडा की सोच है कि महिलाएं लोगों का ज्यादा विश्वास हासिल कर सकती हैं. बीमा वाहकों का दूसरा उद्देश्य स्थानीय स्तर पर संसाधनों की पहचान और विकास करना है जो प्रत्येक ग्राम पंचायत और गांव के भीतर स्थानीय जरूरतों को समझते हैं.